रैगिंग रोकने के उचित प्रबंध करें: उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक
एंटी रैगिंग सेल गंभीरता से हॉस्टल से लेकर क्लास रूम तक निरीक्षण करें
घटना का तुरंत संज्ञान लें
लखनऊ। 2 दिसंबर
मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के नए शैक्षिक सत्र की शुरूआत हो चुकी है। ऐसे में छात्रों को रैगिंग से बचाने की दिशा में संस्थान प्रशासन खास एहतियात बरतें। रैगिंग जैसी घटनाये किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए।
ये निर्देश शुक्रवार उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दिये। उन्होंने प्रदेश की मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व संस्थान के निदेशकों को रैगिंग रोकने के प्रयास करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेजों में नए शैक्षिक सत्र के तहत एमबीबीएस में दाखिले हो चुके हैं। शिक्षण कार्य भी प्रारंभ हो गया है। ऐसे में रैगिंग की घटनाये न हों, इस दिशा में अधिकारी प्रयास करें। छात्रों की शिकायत का तुरंत संज्ञान लें।
सीसीटीवी कैमरे लगाये जाये
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सभी कॉलेज में एंटी रैगिंग सेल को एक्टिव किया जाये। हॉस्टलों के वार्डन सतर्कता बरतें। आवश्यक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें। ताकि रैगिंग जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि रैगिंग अपराध है। घटना में लिप्त छात्र का कैरियर तक खराब हो सकता है। लिहाजा इसे कॉलेजों में पनपने से रोके। छात्र-छात्राएं रैगिंग से दूर रहे। मन लगाकर पढ़ाई करें।
एंटी रैगिंग सेल अलर्ट रहे
कॉलेज व संस्थान परिसर में जगह-जगह एंटी रैगिंग सेल के प्रमुख का मोबाइल व हेल्प लाइन नम्बर का प्रदर्शन किया जाये। ई-मेल के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सीनियर छात्रों को रैगिंग के दुस्प्रभाव से अवगत कराया जाये। वहीं नए प्रवेशित छात्रों को भी रैगिंग को लेकर जागरूक किया जाये।
ये प्रबंध करें
-हॉस्टल व मुख्य रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें
-एंटी रैगिंग सेल छात्रों से समय-समय पर संवाद करें। उन्हें जागरूक करें।
-सीनियर छात्रों की काउंसलिंग की जाये। ताकि वे रैगिंग जैसी घटना को अंजाम न दें।
-अधिकारी हॉस्टल का निरीक्षण करें।
-छुट्टी के वक्त क्लास रूम के बाहर एंटी रैगिंग सेल के सदस्य मौजूद रहे।
-सुरक्षा व्यवस्था के बीच छात्रों को हॉस्टल से क्लास रूम और छुट्टी के बाद क्लास रूम से हॉस्टल तक पहुंचाया जाये।
Post a Comment