पराली से बनेगा ईंधन, कम होगा वायु प्रदूषण, बड़ा उत्पादक बना रिलायंस, बाराबंकी में लगा प्लांट
नई दिल्ली, अगस्त 28, 2023: केवल साल पहले जैव ऊर्जा के क्षेत्र में उतरने वाला रिलायंस अब पराली से ईंधन बनाने में 1 साल में ही देश का सबसे बड़ा उत्पादक बन चूका है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कंपनी ने पहला कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट स्थापित किया... रिलायंस ने स्वदेशी तौर पर कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) तकनीक विकसित की है। इस तकनीक का विकास रिलायंस की जामनगर स्थित दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी में किया गया। जिसकी जानकारी रिलायंस की 46वीं वार्षिक आम सभा में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दी। मुकेश अंबानी ने कहा, “हमने रिकॉर्ड 10 महीने में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्लांट लगाया, पूरे भारत में 25 प्लांट्स और लगाएंगे। हमारा लक्ष्य 5 वर्षों में 100 से अधिक प्लांट लगाने का है। इन प्लांट्स में 55 लाख टन कृषि-अवशेष और जैविक कचरा खप जाएगा। जिससे लगभग 20 लाख टन कार्बन से होने वाला उत्सर्जन कम हो जायगा और साथ ही साथ सालाना करीब 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन भी होगा...हम आपको बताते चलें कि भारत में करीब 23 करोड़ टन गैर-मवेशी बायोमास जिसे पराली भी कहते है का उत्पादन होता है जिसका अधिकांश भाग जला दिया जाता है पराली को जलने से वायु प्रदूषण बढ़ता है...जो की एक बड़ी समस्या है ..... सर्दियों के दौरान राजधानी दिल्ली समेत कई भारतीय शहर पराली जलाने के कारण गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं। रिलायंस की इस पहल से वायु प्रदूषण में खासी कमी आने की उम्मीद है....लोगो को इस प्रोजेक्ट से प्रदुषण से बचाने में काफी मदद होगी .....अब पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी रिलायंस हाथ आजमाने को तैयार है ...पवन चक्कियों के ब्लेड बनाने में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का बड़े पैमाने पर निर्माण करके रिलायंस की कंपनी इन पवन की चक्कियों के ब्लेड्स की कीमत कम करना चाहती है... इसके लिए रिलायंस कंपनी दुनिया भर की बड़ी कंपनियों से बात कर रही है। रिलायंस कंपनी का लक्ष्य 2030 तक कम से कम 100 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का है।
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