लखनऊ में अंजुमन दस्त-ए -हुसैनी की मंसूर नगर में शब्बेदारी
लखनऊ - बात तो बहुत बड़ी और बहुत लम्बी है मगर आज हम आपको कम लफ़्ज़ों में कर्बला क्या है इसके बारे में बताने की कोशिश कर रहे है
अल्लाह के रसूल हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन (अ.स.) को मुहर्रम में याद किया जाता है उनकी कुर्बानी को याद करके उनके मानने वाले उनके ग़म को मानते है इमाम हुसैन (अ. स.) और उनके 72 साथियो जिनकी इराक़ में कर्बला में शहादत हुई थी उनके ग़म को आज तक लोग मनाते है , इमाम हुसैन (अ. स.) और उनके साथियो की कर्बला में शहादत को याद करके लोग मातम करते है
या हुसैन
इमाम हुसैन (अ. स.) और उनके साथियो की शहादत को मातम और मजलिस के ज़रिये याद किया जाता है और अज़ादार उनकी याद में मातम और मजलिसे करते है उन्हें याद करके दुःख मनाते है
लखनऊ में अज़ादारों की अंजुमने मातम करती है और नज़राने अकीदत पेश करती है यूँ तो बहुत सी अंजुमने है मातम, मजलिस और शब्बेदारियों का आयोजन करती है और नज़राने अकीदत पेश करती है ...इसी क्रम में लखनऊ में मशहूर और मारूफ अंजुमन दस्त ए हुसैनी ने हर साल की तरह इस साल भी मंसूर नगर में शब्बेदारी का आयोजन किया, जिसमे दूर दूर से आई कई नामी और मशहूर अंजुमनों ने भी मातम करके नज़राने अकीदत पेश किया और इमाम हुसैन (अ. स.) और उनके साथ हुए शहीदों को याद करके मातम और मजलिस का आयोजन किया ...देखिये वीडियो
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