खूबसूरत लाइट से सजी दरगाह, हुई महफ़िल
लखनऊ : हर साल की तरह इस साल भी पुराने लखनऊ की दरगाह हजरत अब्बास (अ.स.) में उर्दू माह की चार शबान की महफ़िल का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया...
यह महफ़िल इस्लामी कैलेंडर के चौथे महीने, शबान, की 4 तारीख को होती है जिसमें हजरत अब्बास (अ.स.) की विलादत (पैदाइश,जन्मदिन) पर शायर अपने कलाम पेश करते है
दूर दूर से पहुंचे ज़ायरीन
महफ़िल से पहले मौलाना कल्बे जव्वाद साहब ने तक़रीर की उसके बाद दूर दूर से आये शायरों ने अपने कलाम पेश किये ....महफ़िल में दूर दूर से आये लाखो ज़ायरीनों ने महफ़िल में शिरकत की...
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लाखो महिलाओं, बच्चो , पुरुषो ने रात भर महफ़िल में शिरकत की, इस मौके पर दरगाह में सबसे ऊँचे अलम को भी सजाया गया जिसको देखने दूर दूर से लोग आते है ...महफ़िल के मौके पर दरगाह में खूबसूरत लाइटिंग और सजावट की गई
बहादुरी से कांपते थे दुश्मन
हम आपको बता दे कि हज़रत अब्बास (अ. स. ) इमाम हुसैन के भाई है और हज़रत अली के बेटे, हज़रत अब्बास (अ. स. ) को उनकी जंग और बहादुरी के लिए ख़ास तौर पर याद किया जाता है हज़रत अब्बास (अ. स. ) ने कर्बला में इमाम हुसैन के साथ इंसानियत की आवाज़ बुलंद करने के लिए शहादत पेश की थी, हज़रत अब्बास (अ. स. ) के यूँ तो बहुत से किस्से और मौजिजे है लेकिन उनकी बहादुरी के भी बहुत किस्से है जंग में हज़रत अली की तरह बहादुर थे हज़रत अब्बास (अ. स. ) कहा जाता है जंग में उनको देखकर ही लाखो की फ़ौज में सन्नाटा छा जाता था किसी में हिम्मत न थी जो उनका मुकाबला कर सकता ....इसके अलावा हज़रत अब्बास (अ. स. ) को बाबुल मुराद भी कहा जाता है क्यूंकि हज़रत अब्बास (अ. स. ) सबकी मुरादें पूरी करते है इनकी दरगाह पर रोज़ाना हज़ारो लाखो लोग लोग आते है
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