लखनऊ में 21वीं रमज़ान का जुलूस, देखे लाइव वीडियो
लखनऊ में 21वी रमजान पर पुराने लखनऊ में हज़रत अली (अ.) की शहादत के मौके पर जुलूस निकला, जुलूस में दूर दूर से आये लाखों ज़ायरीनों ने शिरकत की
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकला 21वीं रमज़ान का ऐतिहासिक जुलुस
सोगवारों ने नम आंखो से इमाम को पुरसा दिया
लखनऊ। जानशीन-ए-रसूल और शियों के पहले इमाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत के गम में रुस्तम नगर के नजफ से हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शबीह ताबूत का जूलूस अकीदत और एहतिराम से निकाला गया। जूलूस निकलने से पहले नज़फ में मौलाना मिर्ज़ा यासूब अब्बास ने मजलिस को खिताब किया। जुलूस प्रशासन द्वारा तय किये गए रास्तों फाजिल नगर, छोटे साहब आलम रोड,काजमैन रोड, शिया यतीम खाना, मंसूर नगर तिराहा, गिरधारी सिंह इंटर कालेज,अशरफा बाद, बिल्लौचपुरा से मुड़कर हैदरगंज,बुलाक़ी अड्डा, एवरेडी होता हुआ कर्बला तालकटोरा पहुंच कर समाप्त हुआ।
नमाज़ के वक़्त किया था हमला
बताते चलें कि जूलूस हर साल मौला अली के, नमाज़ के दौरान इब्ने मुल्जिम द्वारा उनके सर पर तलवार से वार कर हज़रत अली को ज़ख्मी कर दिया गया था। और उनकी ज़ख्मी हालत में तीन दिन के बाद 21वीं रमज़ान की सुबह को नमाज़ फज्र के वक्त इतिकाल हो गया था। इसी की याद में निकाला जाता है जुलुस।
करीब 150 साल पुराना है जुलूस
सूत्रों का कहना है कि 150 सालों से ज्यादा समय यह तारीखी और ऐतिहासिक जुलूस निकाला जा रहा है।इस जुलुस को मरहूम हसन मिर्ज़ा ने कायम किया था।इसी लिए इसको हसन मिर्ज़ा के नाम से भी जाना जाता है। जुलुस में हज़ारों की तादात में मर्द औरतें और बच्चे शामिल थे। अधिकतर लोग स्याह लिबास और नंगे पैर नज़र आए।जुलूस को शांति पूर्वक सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। अतिसंवेदन शील क्षेत्रों में बेरेकेटिंग कर पुलिस कर्मचारी तैनात थे। जुलूस की निगरानी ड्रोन कैमरों से की जा रही थी। जुलूस मे पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मुस्तैदी से मौजुद थे। जुलूस में (आर ए एफ), (सी आर पी एफ), (पी ए सी) के साथ साथ नागरिक सुरक्षा कोर के अधिकारी एवं सेक्टर वार्डेन भी मौजूद थे। कर्बला तालकटोरा में दिनभर मातम मजलिस का सिलसिला जारी रहा।
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