लखनऊ । पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने पसमांदा मुसलमानों के पिछड़ेपन का जिक्र करते हुए एक शेर के जरिए कटाक्ष किया। उन्होंने कहा " तस्कीने दिल के वास्ते वादा तो कीजिए। पसमांदा मुसलमान जानते हैं आपसे कुछ दिया ना जाएगा।"
तस्कीन-ए-दिल के वास्ते वादा तो कीजिए....पसमांदा समाज की हुई प्रेसवार्ता
पसमांदा नेता अनीस मंसूरी ने कहा कि जुलाई 2022 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हैदराबाद में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पसमांदा मुसलमानों के बारे में गहरी चिंता जाताई थी तत्पश्चात उन्होंने अपने भोपाल, दिल्ली आदि के कार्यकर्मों में पसमांदा की कई जातियों का उल्लेख किया और कहा कि इनके ख़राब हालात के ज़िम्मेदार दो लोग हैं एक पूर्व की सरकारें दूसरे उनके समाज के अगड़े मुसलमान जिन्होंने उनको कभी आगे आने नहीं दिया।
पत्रकार वार्ता में बोले अनीस मंसूरी
अनीस मंसूरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य के बाद देश के कई पसमांदा मुसलमानों ने स्वागत किया अफ़सोस इस बात का है कि प्रधानमंत्री के इस चिंता के लगभग 02 साल होने को हैं न तो पसमांदा के लिए कोई कार्य योजना बनाई और न ही पसमांदा समाज के उत्थान के लिए कोई घोषणा हुई बल्कि उनकी पार्टी के कुछ चाटुकार सरकारी मुसलमानों ने सार्वजनिक रूप से मिल रहे सरकार के 5 किलो राशन, (चावल गेहूँ ) शौचालय, उज्जवला योजना को लेकर पसमांदा मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से प्रधानमंत्री जी ने पसमांदा मुसलमानों के सम्बन्ध में चिंता जाताना शुरू किया तब से पिछली सरकारों द्वारा दी गयी पसमांदा मुसलमानो की सुविधायें व योजनाओं को बंद कर दिया गया मुख्य रूप से मौलाना आज़ाद फेलोशिप को बंद करना संविधान की धरा 341 के पैरा 03 के अंतर्गत पसमांदा मुसलमानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करना।इन योजनाओं का लाभ सबसे ज़्यादा पसमांदा तबके के लोगों को मिल रहा था जोकि अब वंचित कर दिये गये हैं।
हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की मांग
अनीस मंसूरी ने कहा कि पसमांदा को सभी क्षेत्रों में उनकी आबादी के अनुपात में भागेदारी दी जाये, राजनैतिक क्षेत्र में सभी लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद, नगर पंचायत, नगर निकाय में पसमांदा मुसलमानों को 85 प्रतिशत आबादी के अनुपात में टिकट देकर हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाये। अनीस मंसूरी ने कहा कि अभी तक सभी राजनैतिक दलों में लोकसभा चुनाव 2024 के टिकट वितरण में पसमांदा मुसलमानों की भागेदारी न के बराबर है। अनीस मंसूरी ने कहा कि यदि आदरणीय प्रधानमंत्री जी को पसमांदा मुसलमानों के प्रति सच्ची चिंता है तो उनको आगामी लोकसभा 2024 में कम से कम अपनी पार्टी से पसमांदा मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुपात में ज़्यादा से ज़्यादा टिकट देकर पसमांदा मुसलमानों के हितों की रक्षा व समाज के उत्थान करने हेतु कार्य करने की पहल करना चाहिए। अनीस मंसूरी ने कहा कि यदि सभी राजनैतिक दलों ने पसमांदा मुसलमानों को भागेदारी व समस्याओं के चलते उपेक्षा की तो राष्ट्रीय स्तर पर पसमांदा मुस्लिम समाज संगठन अपने राष्ट्रीय नेतृत्व में जल्द ही एक विशाल जन आंदोलन चला कर केंद्र व राज्य की सरकारों को बेनकाब करेगा।
जाति के आंकड़े
पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में मुसलमानों की कुल आबादी 28 करोड़ है जिस में पसमांदा मुसलमानों की आबादी लगभग 23 करोड़ है तथा उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की कुल आबादी लगभग 5 करोड़ है जिस में पसमांदा तबके के मुसलमानों की आबादी लगभग साढ़े तीन करोड़ है। देश व प्रदेश में मुसलमानों की आबादी का 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं, अनीस मंसूरी ने कहा कि अभी तक पसमांदा मुसलमानों की भागेदारी सरकारी नौकरियों, राजनैतिक दलों, शासन सत्ता में सिर्फ 5 प्रतिशत है वहीं 15 प्रतिशत अगड़े मुसलमानों की भागेदारी विभिन्न योजनाओं, सरकारी नौकरियों, शासन सत्ता,राजनैतिक पार्टियों में लगभग 95 प्रतिशत है। आज़ादी के बाद पूर्व व वर्तमान की केंद्र व राज्य सरकारों की गलत नीतियों के चलते आज 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान देश की मुख्य धारा से अलग थलग हो गया है और उनके हालात दलितों से भी बदतर हो गये हैं। अबतक सरकारों ने जितने भी मुसलमानों के हालात जानने के लिए कमेटीयां गठित की जैसे रंगनाथ मिश्रा कमीशन, जस्टिस राजिंदर सच्चर आयोग, काका कालेंकर, जस्टिस गोपाल कृष्णा आयोग, उनकी जो सिफारिशें आयीं उनमे मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर बताया गया और उनकी सिफारिशों को केंद्र व राज्य की सरकारों ने ठन्डे बस्ते में डालकर पसमांदा तबके के मुसलमानों को बद से बदतर ज़िन्दगी जीने के लिए मज़बूर कर दिया।
हितों की लड़ाई
अनीस मंसूरी ने कहा की वह देश के अंदर पसमांदा मुसलमानों के हितों की लड़ाई पिछले 14 वर्षो से पसमांदा मुस्लिम समाज नामक संगठन बनाकर उत्तर प्रदेश सहित 8 राज्यों में मज़बूत संगठन तैयार किया, समय समय पर केंद्र व राज्य सरकारों से पत्राचार के माध्यम से व मिलकर पसमांदा मुस्लिम समाज की समस्याओं से अवगत कराते रहे हैं। इस के बाद भी सरकार व शासन, प्रशासन में बैठे लोग इनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। इस अवसर पर पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राइनी जी को उनकी अच्छी कार्यशैली के दृष्टिगत पदोंउन्नति कर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, साथ ही पिछले कई वर्षो से कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत जनाब खुर्शीद आलम सलमानी जी प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश नामित किया गया उपस्थित सभी लोगों ने नव नियुक्त प्रदेश को बधाई दी।
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