VA-ResNet-50, AI से दिल की बीमारियों पर लगेगा अंकुश
आजकल की जीवन शैली और खान पान के चलते हृदय रोग और इसके कारण होने वाली बीमारियों और उसके कारण अचानक हो रही मौतों का जोखिम पिछले कुछ समय से काफी तेजी से देखने को मिल रहा है।
इस गंभीर मामले को लेकर तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आज कल की लाइफस्टाइल और भोजन में गड़बड़ी के कारण हृदय की सेहत पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है। इसके अलावा कोरोना महामारी ने इसकी दिक्कतों को और भी बढ़ा दिया है। इसलिए जरूरी है सभी लोगों को हृदय को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। गौरतलब है कि हृदय रोग दुनियाभर में मृत्यु का प्रमुख कारण भी रहे हैं।
हृदय रोगों का जोखिम होगा कम
हृदय रोगों के जोखिम को कैसे कम किया जाए, समय पर इसकी पहचान कैसे की जाए इसके लिए वैज्ञानिकों की टीम लगातार शोध कर रही है। इस दिशा में ब्रिटिश शोधकर्ताओं को रिसर्च के दौरान बड़ी कामयाबी मिलने का दावा है। वैज्ञानिकों ने इसको लेकर एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण विकसित किया है
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दावा है कि इसकी मदद से किसी व्यक्ति में वेंट्रीकुलर एरिथमिया (वीए) का आसानी से पता लगाया जा सकता है, जिससे इस बीमारी का संबंध है। वेंट्रीकुलर एरिथमिया, हृदय गति से संबंधित गंभीर समस्या मानी जाती है जो निचले कक्षों (वेंट्रिकल्स) से उत्पन्न होती है। इसका समय पर निदान-उपचार न हो पाए तो इसके जानलेवा दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
AI Tool बताएगा वेंट्रीकुलर एरिथमिया
वेंट्रीकुलर एरिथमिया के तहत मनुष्य के दिल की तेज धड़कने तेज़ यानी नार्मल से और तेजी से और रक्तचाप (blood pressure) कम-ज्यादा या अनियमित होने जैसी परेशानिया हो सकती हैं,इन संकेतो का अगर तुरंत उपचार न किया जाए तो इसके कारण कई लोगों में चेतना की हानि और अचानक मृत्यु का भी खतरा हो सकता है। इसको रोकने और समय रहते समस्या के निदान और उपचार के लिए वैज्ञानिकों ने VA-ResNet-50 नामक AI टूल विकसित किया है। इसकी मदद से हृदय गति की समस्या का समय पर निदान करने और अगर कोई दिक्कत है तो उसका उपचार करने में मदद मिल सकती है। वेंट्रीकुलर एरिथमिया की स्थिति हार्ट फेलियर जैसी दिक्कतों का भी कारण बन सकती है
अध्ययन में क्या पता चला
यूरोपियन हार्ट जर्नल में इसके प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार वैज्ञानिकों ने 270 वयस्कों के ईसीजी की जांच करके उनमें हृदय की स्थितियों के बारे में पता लगाने की कोशिश की। लगभग 159 लोगों ने घातक वेंट्रिकुलर अतालता का अनुभव किया था। एआई टूल का उपयोग हृदय ताल की जांच करने के लिए किया गया था ताकि प्रतिभागियों में ये पता लगाया जा सके कि कहीं इससे भविष्य में गंभीर समस्याओं का खतरा तो नहीं है? वैज्ञानिकों ने कहा ये टूल सटीक तरीके से समस्या के निदान में सहायक हो सकता है। हर पांच में से चार मामलों में, एआई उपकरण ने सही भविष्यवाणी की, इससे ये पता लगाना भी आसान हो सकता है कि किस मरीज में वेंट्रीकुलर एरिथमिया और इसके कारण गंभीर जोखिमों का खतरा हो सकता है?
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के एक प्रोफेसर के अनुसार ये बताया गया कि , महत्वपूर्ण बात यह है कि इस उपकरण से ये जान सकते हैं कि किस व्यक्ति में जोखिम अधिक है। हम न सिर्फ इससे हृदय की गति में समस्या या अन्य कारण के बारे में पता कर सकते हैं साथ ही इससे यह भी पता करने में भी मदद मिलती है कि किसे इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर के साथ जीवन रक्षक उपचार की जरूरत हो सकती है। समय रहते इन समस्याओं का निदान और उपचार से हृदय रोगों से मृत्यु के खतरे को कम करने में भी मदद मिल सकती है।
दिल की बीमारियों का पता चलेगा
शोधकर्ता कहते हैं, मरीजों के इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की जांच में एआई का उपयोग करते हुए हम उनमें हृदय रोग की गंभीर समस्याओं के जोखिम को निर्धारित कर सकते हैं। उचित उपचार प्राप्त होने से रोगी का जीवन बचाना आसान हो सकता है। हृदय स्वास्थ्य के संबंध में ये आवश्यक हो जाता है कि समय पर रोगी की स्थिति का निदान और उपचार हो सके। दिल की बीमारियों का ज्यादातर स्थितियों में अगर समय पर उपचार मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।
अस्वीकरण: हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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