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इज़राइल पर बड़ा हमला : सीरिया पर हमले का ईरान ने दिया जवाब

इज़राइल पर बड़ा हमला : सीरिया पर हमले का ईरान ने दिया जवाब 

इस्राइल-हमास के बीच जारी युद्ध के साथ इस्राइल-ईरान के बीच भी संघर्ष शुरू हो चुका है। दरअसल, हाल ही में सीरिया के ईरानी दूतावास में हमले के बाद से ही ईरान इसराइल पर बौखलाया हुआ था । इज़राइल पर बड़ा हमला : सीरिया पर हमले का ईरान ने दिया जवाब

ईरान ने इस हमले के लिए इसराइल को जिम्मेदार बताया है।सीरिया में हमले पर जवाबी कार्रवाई करने की धमकी देते हुए ईरान ने शनिवार को दर्जनों ड्रोन भी दागे। अमेरिका इस्राइल के बचाव में सामने आया है। ईरान ने अमेरिका के इज़राइल के समर्थन का विरोध किया है। ईरान ने अमेरिका को इस हमले से दूर रहने को कहा है। ईरान ने धमकी देते हुए कहा कि इस्राइल ने कोई और गलती की तो इसका जवाब को तीखा होगा।

सीरिया में हमले का ईरान ने दिया जवाब 

सीरिया में 11 दिन पहले ईरान के वाणिज्य दूतावास पर किये गए हमले के बाद से इजराइल-ईरान में आग में घी डालने का काम हुआ था दोनों देशो में तनाव बढ़ गया था जिसको लेकर तमान देश अलर्ट हो गए है भारत ने अपने नागरिकों से ईरान या इजराइल की यात्रा नहीं करने को लेकर चेतावनी जारी की थी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को लेकर ईरान काफी गुस्से में है इस हमले पर ईरान ने इजराइल को जिम्मेदार बताया है जिसके बाद बदला लेने के लिए ईरान ने बड़ा हमला किया है 

इसराइल के हमले का बुरा होगा अंजाम- ईरान 

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थाई मिशन ने कहा, "यूएन चार्टर के अनुच्छेद 51 के अनुसार, सीरिया के दमिश्क में ईरान के दूतावास पर हमला हुआ था जिसके जवाब में ये हमला किया है मामला अब खत्म समझा जा सकता है।" उन्होंने आगे कहा, "अगर इस्राइल ने एक और गलती की, तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। यह संघर्ष ईरान और इस्राइल के बीच है, अमेरिका को इससे दूर रहना चाहिए।"

जवाबी हमले के बाद ईरान ने कहा 

स्थाई मिशन ने अपने बयान में ईरान ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में नाकाम रही।जिसके चलते इस्राइल को ईरान के खिलाफ रेड लाइन और अंतरराष्ट्रीय कानून के मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन करने की अनुमति मिल गई। ईरान के हमले के बाद इस्राइली सुरक्षा बलों ने शनिवार को ईरान की तरफ से दागे गए मिसाइलों को रोक दिया था। यरूशलम के आसमान में कई विभिन्न जगहों से मिसाइलें दागी गईं। इस दौरान ईरान की तरफ से दागे गए मिसाइलों और इस्राइल की तरफ से की गई कार्रवाई के बीच का अंतर बताना मुश्किल था। कम से कम 20-32 मिसाइलों को रोका गया। 

इसराइल कर सकता है जवाबी हमला 

ईरान की तरफ से किए गए ड्रोन हमलों पर इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "इस्राइल वर्षों से ईरान के सीधे हमले की तैयारी कर रहा है। हमारी रक्षात्मक प्रणालियां तैनात है और हम किसी भी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस्राइल एक मजबूत देश हैं और इस्राइली सुरक्षा बल (आईडीएफ) एक मजबूत बल है।" इसी के साथ नेतन्याहू ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य देशों के समर्थन की सराहना भी की।

इस्राइल की रक्षा हमारी प्रतिबद्धता-अमेरिका

इस्राइल के समर्थन में अमेरिका ने भी ईरान के कई ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराना जारी रखा। अमेरिका सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा, इस्राइल की रक्षा करने की हमारी प्रतिबद्धता को देखते हुए अमेरिकी बलों ने ईरानी मिसाइलों को मार गिराया। क्षेत्र में हमारे बल इस्राइल को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। 

हमला होते ही सायरन गूंजने लगा 

ईरान ने ड्रोन्स और मिसाइलों से हमला बोला, इस्राइल में सायरन गूंजने लगे। ईरान का इतना बड़ा हमला भी इस्राइल को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा सका। दरअसल इसकी वजह है कि इस्राइल का ऐरो डिफेंस सिस्टम, जिसने आयरन डोम सिस्टम के साथ मिलकर मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही मार गिराया

डिफेंस सिस्टम से तबाह की मिसाइलें 

इस्राइल की सेना ने बताया कि 'ईरान की तरफ से दर्जनों सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, लेकिन इस्राइली सेना के डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक इन मिसाइलों को हवा में ही पहचानकर तबाह कर दिया। साथ ही इस्राइल के सहयोगी देशों ने भी इसमें मदद की।' सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें इस्राइल का ऐरो डिफेंस सिस्टम हवा में ही मिसाइलों को तबाह करता दिख रहा है, जिससे इस्राइल के आसमान में आतिशबाजी जैसा दृश्य दिख रहा है। 

ऐरो डिफेंस सिस्टम

इस्राइल की एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने अमेरिका की मिसाइल डिफेंस एजेंसी के साथ मिलकर ऐरो डिफेंस सिस्टम बनाया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का सिस्टम है, जो मुख्य तौर पर इस्राइल की हवाई सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। इसके निर्माण की शुरुआत साल 1980 में इस्राइल ने अमेरिका के साथ मिलकर की थी। कई सफल परीक्षणों के बाद एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को साल 1990 में इस्राइली सेना में शामिल कर लिया गया। इसके बाद ऐरो सिस्टम के आधुनिक संस्करण एरो 2 को साल 2000 में इस्राइली सेना में शामिल किया गया। 

आयरन डोम भी करता है सुरक्षा 

ऐरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम कम और मध्यम दूरी की मिसाइलों को हवा में ही तबाह करने की क्षमता रखता है। एरो 2 और 3 सिस्टम से लंबी दूरी की मिसाइलों को भी इस्राइल पहुंचने से पहले ही हवा में ही तबाह किया जा सकता है। ऐरो सिस्टम और आयरन डोम में अंतर की बात करें तो आयरन डोम कम दूरी के ड्रोन्स और मिसाइलों को तबाह करने का काम करता है। वहीं एरो सिस्टम मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों से निपटता है।

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