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इकरा हसन पर अभद्र टिप्पणी : पसमांदा मुस्लिम समाज ने करणी सेना पर बोला हमला

इकरा हसन पर अभद्र टिप्पणी : पसमांदा मुस्लिम समाज ने करणी सेना पर बोला हमला

पसमांदा मुस्लिम समाज ने करणी सेना पर बोला हमला, कहा- इकरा हसन केवल सांसद नहीं, पूरे पसमांदा तबके की आवाज़ को कुचलने की साजिश

-इकरा हसन पर अभद्र टिप्पणी और अखिलेश यादव को जान से मारने की धमकी 

-करणी सेना और समाजवादी पार्टी के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव ने लिया खतरनाक मोड़, योगेन्द्र सिंह राणा पर हो सख्त कार्रवाई: अनीस मंसूरी

प्रेस रिलीज   पसमांदा मुस्लिम समाज ने करणी सेना पर बोला जोरदार हमला, कहा— इकरा हसन केवल सांसद नहीं, पूरे पसमांदा तबके की आवाज़ को कुचलने की साजिश  -इकरा हसन पर अभद्र टिप्पणी और अखिलेश यादव को जान से मारने की धमकी पर चुप्पी साधे है सरकार  -करणी सेना और समाजवादी पार्टी के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव ने लिया खतरनाक मोड़, योगेन्द्र सिंह राणा पर हो सख्त कार्रवाई: अनीस मंसूरी  लखनऊ 21 जुलाई। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद सुश्री इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अमर्यादित और आपत्तिजनक टिप्पणी पर तीखा रोष प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल एक महिला सांसद का अपमान है, बल्कि पूरे पसमांदा समाज की अस्मिता और संवैधानिक मूल्यों पर हमला है।  अनीस मंसूरी ने कहा कि इकरा हसन देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा की एक सम्मानित सदस्य हैं और पसमांदा मुस्लिम तबके की एकमात्र महिला प्रतिनिधि भी। “उनके खिलाफ अशोभनीय भाषा का प्रयोग कर योगेन्द्र राणा ने नारी गरिमा, लोकतांत्रिक मर्यादा और सामाजिक सौहार्द को कलंकित किया है। सरकार को तत्काल योगेन्द्र सिंह राणा पर FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार करना चाहिए।”  पहले भी निशाने पर रही हैं सांसद इकरा हसन यह पहला मौका नहीं है जब इकरा हसन को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले भी उनके जनसंपर्क अभियानों के दौरान अपमानजनक टिप्पणी, सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और सांप्रदायिक टिप्पणियों के ज़रिए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के प्रयास किए गए हैं। कई बार उन्हें पाकिस्तान भेजने जैसे नारे लगाकर उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए गए, जो कि बेहद शर्मनाक और अलोकतांत्रिक है।  अखिलेश यादव को भी मिल चुकी है जान से मारने की धमकी अनीस मंसूरी ने इस पूरे प्रकरण को करणी सेना और समाजवादी पार्टी के बीच लंबे समय से चले आ रहे वैचारिक और राजनीतिक टकराव का खतरनाक परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि “करणी सेना पहले भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को खुलेआम जान से मारने की धमकी दे चुकी है। यह लोकतंत्र को डरा-धमकाकर चुप कराने की साजिश है।”  उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या केंद्र और राज्य सरकार ऐसे संगठनों को जानबूझकर छूट दे रही है? क्या यह लोकतंत्र में हिंसा की खुली छूट नहीं है?”  महिला आयोग और पुलिस की चुप्पी शर्मनाक मंसूरी ने कहा कि एक महिला सांसद पर इस प्रकार की अभद्र भाषा के प्रयोग के बाद भी न तो महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया, न ही पुलिस प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई की है। इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। “ऐसा प्रतीत होता है जैसे सरकार इस जहरीली सोच को समर्थन दे रही हो।”  पसमांदा समाज करेगा शांतिपूर्ण विरोध अनीस मंसूरी ने चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द योगेन्द्र राणा पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो पसमांदा मुस्लिम समाज देशभर में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन और लोकतांत्रिक आंदोलन कर विरोध जताने को बाध्य होगा। उन्होंने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी मांग की कि वे ऐसे ‘विषैले’ नेता को तत्काल संगठन से बाहर करें।  उन पर हमला पूरे वंचित वर्ग पर हमला है। इस आवाज़ को दबाने की हर कोशिश का हम लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला करेंगे।”

लखनऊ 21 जुलाई। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अमर्यादित और आपत्तिजनक टिप्पणी पर तीखा रोष प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल एक महिला सांसद का अपमान है, बल्कि पूरे पसमांदा समाज की अस्मिता और संवैधानिक मूल्यों पर हमला है।

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अनीस मंसूरी ने कहा कि इकरा हसन देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा की एक सम्मानित सदस्य हैं और पसमांदा मुस्लिम तबके की एकमात्र महिला प्रतिनिधि भी। “उनके खिलाफ अशोभनीय भाषा का प्रयोग कर योगेन्द्र राणा ने नारी गरिमा, लोकतांत्रिक मर्यादा और सामाजिक सौहार्द को कलंकित किया है। सरकार को तत्काल योगेन्द्र सिंह राणा पर FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार करना चाहिए।”

पहले भी निशाने पर रही हैं इकरा हसन

यह पहला मौका नहीं है जब इकरा हसन को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले भी उनके जनसंपर्क अभियानों के दौरान अपमानजनक टिप्पणी, सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और सांप्रदायिक टिप्पणियों के ज़रिए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के प्रयास किए गए हैं। कई बार उन्हें पाकिस्तान भेजने जैसे नारे लगाकर उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए गए, जो कि बेहद शर्मनाक और अलोकतांत्रिक है।

अखिलेश यादव को भी मिल चुकी है धमकी

अनीस मंसूरी ने इस पूरे प्रकरण को करणी सेना और समाजवादी पार्टी के बीच लंबे समय से चले आ रहे वैचारिक और राजनीतिक टकराव का खतरनाक परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि “करणी सेना पहले भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को खुलेआम जान से मारने की धमकी दे चुकी है। यह लोकतंत्र को डरा-धमकाकर चुप कराने की साजिश है।” उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या केंद्र और राज्य सरकार ऐसे संगठनों को जानबूझकर छूट दे रही है? क्या यह लोकतंत्र में हिंसा की खुली छूट नहीं है?”

महिला आयोग और पुलिस की चुप्पी

मंसूरी ने कहा कि एक महिला सांसद पर इस प्रकार की अभद्र भाषा के प्रयोग के बाद भी न तो महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया, न ही पुलिस प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई की है। इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। “ऐसा प्रतीत होता है जैसे सरकार इस जहरीली सोच को समर्थन दे रही हो।”

पसमांदा समाज करेगा शांतिपूर्ण विरोध

अनीस मंसूरी ने चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द योगेन्द्र राणा पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो पसमांदा मुस्लिम समाज देशभर में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन और लोकतांत्रिक आंदोलन कर विरोध जताने को बाध्य होगा। उन्होंने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी मांग की कि वे ऐसे ‘विषैले’ नेता को तत्काल संगठन से बाहर करें।उन पर हमला पूरे वंचित वर्ग पर हमला है। इस आवाज़ को दबाने की हर कोशिश का हम लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला करेंगे।”


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