स्वतंत्रता दिवस समारोह-2025 : मुख्यमंत्री ने वीरता पुरस्कार विजेता एवं उनके परिजनों को सम्मानित किया
स्वाधीनता दिवस हर भारतवासी व प्रदेशवासी के लिए कर्तव्यों के साथ संकल्पित होने का महापर्व : मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भारत की शक्ति और सामर्थ्य को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से पूरी दुनिया ने देखा
प्रधानमंत्री जी के स्वदेशी मॉडल के संकल्प के साथ लोग जुड़ें, स्वदेशी को जीवन का मंत्र बनाएं
‘विकसित भारत विकसित उ0प्र0, आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर उ0प्र0’ विजन के दृष्टिगत अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति थीम को लेकर 12 सेक्टर चिन्हित
इस विजन के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों, विषय-विशेषज्ञों व जनता-जनार्दन के विचार व सुझाव लिए जाएंगे, नीति आयोग के साथ हम प्राप्त विचारों व सुझावों का मूल्यांकन करेंगे
जनपद स्तर पर प्रत्येक जनपद से 03 बेहतरीन सुझावों और राज्य स्तर पर 05 बेहतरीन सुझावों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत व सम्मानित किया जाएगा
आगामी 03 माह में वर्ष 2047 तक के लिए उ0प्र0 अपना विजन डॉक्युमेंट तैयार करेगा
राज्य सरकार ने प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 को 32 लाख करोड़ रु0 पहुंचाने में सफलता प्राप्त की, राज्य की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान में 1.20 लाख रु0
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अन्तर्गत अब तक 70 हजार से अधिक युवा लाभान्वित
राज्य सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से 1.36 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों में बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर व अन्य सुविधाएं विकसित कीं
मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय पहले चरण में जनपद मुख्यालय, दूसरे चरण में तहसील मुख्यालय, तीसरे चरण में हर विकासखण्ड मुख्यालय पर और चौथे चरण में इन विद्यालयों की श्रृंखला को न्याय पंचायत स्तर पर ले जाने का लक्ष्य
बेसिक एजुकेशन में कोई भी विद्यालय बंद नहीं होगा, न्यूनतम तीन शिक्षक अनिवार्य रूप से हर विद्यालय में हों, स्कूल पेयरिंग के बाद जो विद्यालय खाली बचेंगे, उन्हें प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित किया जाएगा
राज्य सरकार सी0एम0 पोषण मिशन नामक नई स्कीम लागू करने जा रही, प्री-प्राइमरी, बाल वाटिका, आंगनबाड़ी केंद्रों को सी0एम0 पोषण मिशन से जोड़ा जाएगा
प्रदेश सरकार लखनऊ में निर्माणाधीन भारत रत्न डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र को इस वर्ष पूरा करते हुए बाबा साहब के जीवन पर नए शोध को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष स्कॉलरशिप जारी करेगी
प्रदेश का महिला श्रम बल 14 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत, इसे 50 प्रतिशत तक किया जाए
प्रदेश की 7,700 से अधिक ग्राम पंचायतें टी0बी0 मुक्त, राज्य सरकार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति में हर जनपद में इम्प्लॉयमेण्ट जोन स्थापित करेगी, एक्सप्रेस-वे नेटवर्क में उ0प्र0, देश में प्रथम स्थान पर
जीरो पॉवर्टी अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के 15 लाख परिवार चिन्हित, इन्हें विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की कार्यवाही प्रारम्भ, शीघ्र ही हर परिवार के एक सदस्य को किसी रोजगार अथवा नौकरी से जोड़ा जाएगा
लखनऊ : 15 अगस्त, 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेशवासियों को 79वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि स्वाधीनता दिवस हर भारतवासी व प्रदेशवासी के लिए कर्तव्यों के साथ संकल्पित होने का महापर्व है। नागरिक समाज देश व प्रदेश के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन ईमानदारीपूर्वक करें, तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को आजादी के शताब्दी महोत्सव में साकार किया जा सकता है। हमें वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के दृष्टिगत अपने नौजवानों को तैयार करना होगा, ताकि उत्तर प्रदेश का नौजवान आने वाले समय में अपनी सामर्थ्य और अपनी प्रतिभा का लाभ उत्तर प्रदेश को दे सके। इस दिशा में सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां विधान भवन के समक्ष आयोजित समारोह में ध्वजारोहण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ध्वजारोहण के पश्चात राष्ट्रगान का वादन हुआ। समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। इसमें उत्तर प्रदेश, सिक्किम, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी गयीं। समारोह में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गयी। मुख्यमंत्री जी ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने तिरंगे गुब्बारे आसमान में छोड़े।
मुख्यमंत्री ने शौर्य चक्र से अलंकृत शहीद ले0 हरी सिंह बिष्ट व ले0 कर्नल अमित मोहिन्द्रा के परिजन तथा कर्नल भरत सिंह को सम्मानित किया। उन्होंने वीर चक्र से अलंकृत शहीद हवलदार कुंवर सिंह चौधरी, शहीद नायक राजा सिंह, कारगिल युद्ध के वीर नायक शहीद मेजर रितेश शर्मा, शहीद एन0सी0 पुताली (वायु सेना), शहीद नायक अरुण कुमार त्रिपाठी, शहीद ले0 कमाण्डर रजनीकान्त यादव, सिग्नल मैन शहीद राजवीर सिंह, शहीद हर्षवर्धन सिंह तथा सेना मेडल से अलंकृत शहीद हवलदार पंकज सिंह, ले0 कर्नल प्रभांशु सिंह, शहीद रक्षाराम, शहीद दिवाकर तिवारी तथा लांसनायक शहीद बचान सिंह के परिजन को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश स्वतंत्रता के 78 वर्ष पूर्ण कर रहा है। देश की स्वतंत्रता अनगिनत त्याग और बलिदान का परिणाम है। स्वाधीनता त्याग और बलिदान मांगती है। स्वाधीनता की यह लड़ाई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के निर्णायक नेतृत्व के उपरान्त प्राप्त हुई। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, क्रांतिकारियों, ज्ञात-अज्ञात वीर सैनिकों, स्वाधीन भारत की सीमाओं तथा आंतरिक सुरक्षा की रक्षा करने वाले वीर जवानों को नमन कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की शक्ति और सामर्थ्य को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से पूरी दुनिया ने देखा है। वीर जवानों ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दुश्मन के छक्के छुड़ाकर भारत की एकता और अखण्डता को सुरक्षित किया है। जब सैनिक देश की सीमाओं के प्रति सजग होकर अपना सर्वोच्च योगदान देते हैं, तब हम चैन की नींद सो पाते हैं। देश एक सुदृढ़ भारत का निर्माण और विकास के सुनहरे सपनों को देख पाता है। राष्ट्रीय पर्वों के माध्यम से हम 78 वर्षां की विकास यात्रा की गाथा को सुनते तथा अनुभव करते हैं।
भारत के स्वदेशी मॉडल तथा मेक इन इण्डिया की ताकत को ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दुनिया ने महसूस किया। लखनऊ में बनी ब्रह्मोस मिसाइल दुश्मन के अड्डों को तहस-नहस किया है। रक्षा तथा एयररोस्पेस सेक्टर में स्वदेशी ड्रोन तथा मिसाइल के माध्यम से भारत अपनी ताकत का एहसास दुनिया को करा रहा है। प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक क्षेत्र में स्वदेशी मॉडल के संकल्प के साथ जुड़ने तथा आत्मसात करने हेतु देशवासियों का आह्वान किया है। स्वदेशी मॉडल के अन्तर्गत कारीगरों, हस्तशिल्पियों के द्वारा बनायी गयी उपहार तथा दैनिक उपयोग की वस्तुएं तथा अन्नदाता किसानों के द्वारा खेतों में उगाई जाने वस्तुओं का क्रय-विक्रय करते हैं, तो भारत का पैसा भारत के लिए उपयोग में लाया जाएगा। भारत की सामर्थ्य को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का यह स्वदेशी मॉडल बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद की विकास सम्बन्धी चर्चाओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। विगत 13-14 अगस्त की रात्रि में उत्तर प्रदेश विधायिका ने ‘विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ के विजन पर एक लम्बी चर्चा की है। इसके लिए हम लोगों ने 03 थीम पर कार्य करना प्रारम्भ किया है। अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति को लेकर के 12 सेक्टर चिन्हित किए हैं। आज इन 12 सेक्टर्स पर राज्य सरकार कार्य कर रही है।
बहुत शीघ्र हम इस सम्बन्ध में प्रदेश के 500 बुद्धिजीवियों, विषय-विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा करेंगे। वे विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में जाएंगे। ‘विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश’ के रोडमैप के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के नागरिकों के साथ चर्चा करेंगे और इस रोडमैप में जनता-जनार्दन के विचार व सुझाव भी शामिल किए जाएंगे। हमारा प्रयास है प्रदेश के हर परिवार का कम से कम एक सुझाव हमें जरूर प्राप्त हो और इन सुझावों का एक टीम उनका मूल्यांकन करेगी। नीति आयोग के साथ हम प्राप्त विचारों व सुझावों का मूल्यांकन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद स्तर पर प्रत्येक जनपद से 03 बेहतरीन सुझावों और राज्य स्तर पर 05 बेहतरीन सुझावों का हम चयन करेंगे और उन्हें पुरस्कृत व सम्मानित भी करेंगे। आगामी 03 माह में वर्ष 2047 तक के लिए उत्तर प्रदेश अपना विजन डॉक्युमेंट तैयार करेगा और विकसित भारत की तर्ज पर विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता का मतलब स्वच्छन्दता नहीं हो सकती। हम सभी बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के बनाए संविधान का सम्मान करते हुए उनके प्रति आदर का भाव रखते हुए संविधान के अनुरूप अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करें। भारत वर्ष 2047 में दुनिया की एक बड़ी ताकत होगा। विगत 11 वर्षों में भारत की विकास यात्रा का आत्मवलोकन करने का अवसर देशवासियों को प्राप्त हुआ है। 11 वर्ष पूर्व भारत दुनिया की 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था। एक सुनियोजित प्रयास, व्यापक कार्ययोजना और टीम वर्क के परिणामस्वरूप आज भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व परम्परागत वस्तुओं तथा उत्पादों की उपेक्षा की गयी थी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्लस्टर प्रदेश में मौजूद थे। 08 वर्ष पूर्व परम्परागत क्षेत्र से जुड़े हस्तशिल्पी व कारीगर पलायन कर रहे थे। उनमें निराशा तथा हताशा थी। वह छोटा-मोटा काम करके आजीविका चलाने के लिए मजबूर थे। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश ने अपनी सामर्थ्य को पहचाना तथा ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों एवं कारीगरां को एक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया। उत्तर प्रदेश की यह योजना देश और दुनिया के अंदर धूम मचा रही है। इससे प्रदेश के डोमेस्टिक मार्केट तथा एक्सपोर्ट को दोगुना किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इण्डिया’ की संकल्पना को साकार कर हम देश को समृद्ध बना सकते हैं। ‘मेक इन इण्डिया’ के तहत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। किसानों के चेहरे पर खुशहाली आएगी। हस्तशिल्पी और कारीगर समृद्धि के पथ पर अग्रसर होकर इनोवेशन, रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकते हैं। हमें तकनीक, डिजाइन और मार्केट की मांग के अनुरूप पैकेजिंग को तैयार करना होगा।
आत्मनिर्भरता के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें स्वदेशी वस्तुओं को ज्यादा से ज्यादा अपनाना होगा और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के साथ मिलकर कार्य करना होगा। हमें स्वदेशी को जीवन का मंत्र बनाकर चलना होगा। दुनिया के अंदर कोई भी देश तभी आगे बढ़ा है, जब उसने अपने कारीगरों, हस्तशिल्पियों तथा युवा शक्ति की ऊर्जा को पहचाना है। उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित किया है। देश व प्रदेश के युवाओं में यह सामर्थ्य है।
प्रदेश सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा पी0एम0 विश्वकर्मा योजना ने हस्तशिल्पियों व कारीगरों को नई प्रेरणा प्रदान करते हुए उन्हें एक प्लेटफार्म दिया है। उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। इन सेक्टरों से जुड़े 16 प्रकार के हस्तशिल्पी और कारीगर चिन्हित किए गये हैं। समाज और मार्केट की मांग के अनुरूप इन हस्तशिल्पियों ने नई डिजाइन, नई टेक्नोलॉजी के साथ स्वयं को जोड़ कर सामर्थ्य तथा स्वावलंबन का मॉडल प्रस्तुत किया है।
अन्नदाता किसानों ने मिशन मिलेट के अन्तर्गत मोटे अनाजों के उत्पादन का कार्य परम्परागत रूप से पुनः प्रारम्भ किया है। उत्तर प्रदेश के 34 जनपद इस अभियान से जुड़कर तेजी से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। अन्नदाता किसान नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से खेती की लागत कम करते हुए उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इसके अन्तर्गत फर्टिलाइजर, केमिकल और पेस्टिसाइड का कम प्रयोग करना होगा। यदि नेचुरल फार्मिंग से अन्नदाता किसान खेती-बाड़ी करते हैं, तो यह किसानों की लागत को कम करेगा तथा उत्पादन क्षमता व आमदनी को कई गुना बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 08 वर्ष में उत्तर प्रदेश ने एक लंबी छलांग लगायी है। युवाओं, महिलाओं, अन्नदाता किसानों, श्रमिकों तथा समाज से जुड़े प्रत्येक तबके के उत्थान व कल्याण के लिए प्रदेश प्रत्येक सेक्टर में नये-नये कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हुआ है। प्रदेश का परसेप्शन बदला है। विगत 08 पूर्व प्रदेश के सामने पहचान का संकट था, यहां के युवा अपनी पहचान को छुपाते थे, लेकिन आज हमारा युवा अपनी पहचान को छुपाता नहीं है। देश और दुनिया ने प्रदेश के युवाओं की प्रतिभा का लोहा माना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 08 वर्ष पूर्व प्रदेश में दंगे तथा अराजकता चरम पर थी। बेटियां तथा व्यापारी सुरक्षित नहीं थे। अनेक जनपदों के कस्बों में सूर्यास्त के साथ कर्फ्यू जैसा माहौल दिखाई देता था। आज उत्तर प्रदेश सुरक्षा का एक नया मॉडल प्रस्तुत कर रहा है। प्रदेश सरकार ने सुशासन की नींव को सुदृढ़ कर परसेप्शन को क्रमिक रूप से बदलने में सफलता प्राप्त की है।
उत्तर प्रदेश में नौजवानों के लिए नौकरी तथा रोजगार के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं बढ़ी हैं। सरकार ने विगत 08 वर्षां में साढ़े 08 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी प्रदान की हैं। प्रदेश के परंपरागत उद्यम को प्रोत्साहित कर 01 करोड़ 62 लाख से अधिक युवाओं को एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में समायोजित करने में सफलता प्राप्त की।
निवेशकों के लिए सुरक्षा का बेहतर माहौल प्रदान कर प्रदेश को निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित किया गया है। निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश इन्वेस्टमेंट का ड्रीम डेस्टिनेशन राज्य बना है। उत्तर प्रदेश की गिनती आज देश के अग्रणी राज्यों में हो रही है। जिस प्रदेश में जहां पहले व्यापारी अपना कारोबार समेट कर पलायन कर रहे थे, वहां 45 लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव मिले हैं, जिसके सापेक्ष अब तक 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश धरातल पर उतारा जा चुका है। इन निवेश प्रस्तावों के माध्यम से लाखों नौजवानों को अपने ही जनपद में नौकरी प्राप्त हुई हैं, जो प्रदेश की सामर्थ्य और सम्भावनाओं का द्योतक है।
आज उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं है। उत्तर प्रदेश विगत 08 पूर्व देश की सातवीं अर्थव्यवस्था के रूप में सबसे पीछे पंक्ति में खड़ा था। आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। 08 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश की कुल जी0एस0डी0पी0 13 लाख करोड़ रुपये के आस-पास थी तथा प्रति व्यक्ति आय केवल 43,000 रुपये थी। विगत 08 वर्षां में तीन वर्ष कोविड जैसी वैश्विक महामारी का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद राज्य सरकार ने प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 को 32 लाख करोड़ रुपये पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान में 01 लाख 20 हजार रुपये हो गयी है। इसे और बेहतर करने के लिए टीम वर्क के साथ मिलकर कार्य करना होगा। वर्ष 2047 के विकसित भारत के संकल्प को प्राप्त करने हेतु विकसित तथा आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने के लिए सभी सेक्टर से जुडे़ गरीब, किसान, महिलाओं, व्यापारी, उद्यमी, श्रमिक, युवा तथा समाज के प्रत्येक तबके के साथ प्रदेश सरकार खड़ी है। इस दिशा में कोई व्यक्ति एक कदम चल रहा है, तो सरकार उसके साथ 10 कदम आगे बढ़कर मदद करने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर 24 जनवरी 2025 को युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान को लॉन्च किया। इस अभियान के तहत यदि कोई 21 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र का युवा अपना उद्यम तथा स्टार्टअप स्थापित करना चाहता है तो प्रदेश सरकार उसे प्रशिक्षण के साथ-साथ पहले चरण में गारंटीमुक्त तथा ब्याजमुक्त 05 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही उसे 10 प्रतिशत का मार्जिन मनी भी उपलब्ध करा रही है। अब तक 70 हजार से अधिक युवा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से जुड़े हैं।
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 के अलग-अलग क्लस्टर मौजूद हैं। यहां बड़े निवेश की व्यापक सम्भावनाएं हैं। राज्य सरकार ने तय किया है कि प्रत्येक एम0एस0एम0ई0 यूनिट को 05 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर उपलब्ध कराएगी। जी0एस0टी0 प्रदान करने वाले प्रत्येक व्यापारी को राज्य सरकार 10 लाख रुपये की व्यापारी कल्याण बीमा योजना से जोड़कर उन्हें सामर्थ्य प्रदान करती है।
अन्नदाता किसान प्रत्येक नागरिक का पेट भरने के लिए अपने खेतों में खाद्यान्न के रूप में सोना उगलने का काम करता है। अन्नदाता किसानों की खुशहाली के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी आपदा की स्थिति में 05 लाख रुपये की मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना संचालित की जाती है। वन्य जीव-मानव संघर्ष में यदि कोई किसान या नागरिक किसी वन्य जीव या सर्प दंश का शिकार होता है, तो उसे आपदा की श्रेणी में रखकर 04 लाख रुपये की सहायता राशि पीड़ित परिवार को राज्य सरकार उपलब्ध कराती है। राज्य सरकार द्वारा अन्नदाता किसानों के कल्याण के लिए जनपदों में व्यापक पैमाने पर निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों की स्थापना तथा गौवंश की नस्ल सुधार के व्यापक कार्यक्रम चलाये जा रहे है।
प्रदेश सरकार ने अन्नदाता किसानों की फसल को सीधे क्रय कर पैसा उनके बैंक खातों में पहुंचाने की व्यवस्था की है। गन्ना किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। वर्ष 1996 से वर्ष 2017 तक जितने गन्ना मूल्य का भुगतान पूर्ववर्ती सरकारों के समय में हुआ था, उससे 72,000 करोड़ से अधिक की धनराशि विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है। 08 वर्षों में 02 लाख 88 हजार करोड़ रुपये की धनराशि राज्य प्रदेश सरकार ने किसानों के खातों में भेजा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दलहन, तिलहन, आलू, ज्वार, बाजरा, मक्का, धान, गेहूं, गन्ना तथा एथेनॉल उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। हॉर्टिकल्चर और वेजिटेबल के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में व्यापक संभावनाएं हैं, जिसे आगे बढ़ाने की दिशा में बेहतर तकनीक के साथ राज्य सरकार कार्य कर रही है।
हमारे अन्नदाता किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड की सुविधा प्राप्त हो रही है। कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को नई तकनीक और नए बीजों के उपयोग की जानकारी प्राप्त हो रही है। प्रदेश सरकार लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी के नाम पर एक सीड पार्क का निर्माण करने जा रही है। प्रदेश में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचन क्षमता प्राप्त हुई है। 15 लाख से अधिक अन्नदाता किसानों के नलकूपों को निःशुल्क बिजली प्राप्त हो रही है। फसल की लागत कम होगी, तो अन्नदाता किसानों के चेहरे पर खुशहाली होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से 1.36 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों में बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर व अन्य सुविधाएं विकसित करने में सफलता प्राप्त की है। राज्य सरकार ने प्रदेश में स्कूली शिक्षा के विभिन्न मॉडल खड़े किये हैं। इनमें अटल आवासीय विद्यालय, मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय, मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय प्रमुख हैं। प्रदेश सरकार ने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में 18 मण्डल मुख्यालयों में एक-एक अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये हैं। इन विद्यालयों में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चे, निराश्रित बच्चे गुणवत्ता पूर्ण आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय के रूप में हर जनपद में पहले चरण में जनपद मुख्यालय पर, दूसरे चरण में तहसील मुख्यालय पर, तीसरे चरण में हर विकासखण्ड मुख्यालय पर और चौथे चरण में इन विद्यालयों की श्रृंखला को न्याय पंचायत स्तर पर खड़ा करना है। इन विद्यालयों के माध्यम से बेसिक एजुकेशन से लेकर के सीनियर सेकेण्डरी लेवल तक की बेहतरीन क्वालिटी एजुकेशन बच्चों को एक इण्टीग्रेटेड कैम्पस में ही उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक एजुकेशन में कोई भी विद्यालय बंद नहीं होगा। 01 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर किसी भी बच्चे को ना जाना पड़े, इसका हम ध्यान रखेंगे। 01 किलोमीटर के दायरे में जिन विद्यालयों में 50 से कम बच्चे हैं, वहां के बच्चों को 50 से अधिक बच्चों वाले स्कूल में जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है, ताकि शिक्षक छात्र अनुपात ठीक हो सके। न्यूनतम तीन शिक्षक अनिवार्य रूप से हर विद्यालय में हों, इस लक्ष्य के साथ सरकार कार्य कर रही है।
स्कूल पेयरिंग के बाद जो विद्यालय खाली बचेंगे, उन्हें प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित किया जाएगा। प्री-प्राइमरी, बाल वाटिका, आंगनबाड़ी केंद्रों को सी0एम0 पोषण मिशन के साथ जोड़ने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इन बच्चों को अभी से सी0एम0 पोषण मिशन के साथ जोड़कर भविष्य की उन सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको तैयार होना होगा। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार सी0एम0 पोषण मिशन नामक यह नई स्कीम लागू करने जा रही है। जितना हमारा वर्तमान उन्नत होगा उतना ही भविष्य सुरक्षित होता हुआ दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भावनाओं के अनुरूप नए पाठ्यक्रम के साथ विद्यालयों को जोड़ने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों के जर्जर भवनों को नए भवन के रूप में विकसित करने, डिजिटल लाइब्रेरी व स्मार्ट क्लास सहित विभिन्न सुविधाओं से आच्छदित करने का कार्य किया जा रहा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के माध्यम से गरीब परिवार की बालिकाओं को कक्षा 12 तक की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए शिक्षा बेहतरीन माध्यम है। सरकार बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के सपनों को साकार करने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों से जुड़े छात्रावासों की व्यवस्था को और सुदृढ़ कर रही है। बाबा साहब की स्मृति में नये छात्रावासों का निर्माण कराया जा रहा है। लखनऊ में बाबा साहब आंबेडकर की स्मृति में भारत रत्न डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र निर्माणाधीन है, जिसे इस वर्ष पूरा करते हुए बाबा साहब के जीवन पर नए शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार एक विशेष स्कॉलरशिप जारी करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए प्रदेश सरकार ने अलग-अलग जनपदों में श्रमजीवी महिला छात्रावास के निर्माण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। बहन-बेटियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए के लिए आवश्यकतानुसार हर जनपद में महिला छात्रावास का निर्माण राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से करेगी। विगत 08 वर्षों में प्रदेश का महिला श्रम बल 14 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है। इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कार्य किए जाएं। आज प्रदेश की महिलाएं जैसे-इण्डस्ट्री, बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी, उत्तर प्रदेश पुलिस बल जैसे विभिन्न सेक्टर्स का हिस्सा बनकर कार्य कर रही हैं। प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। हाल ही में सम्पन्न 60,200 से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती में 12,000 से अधिक बेटियां सफल हुई हैं। यह बेटियां उत्तर प्रदेश की सुरक्षा को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं।
वर्ष 1947 से लेकर 2017 तक निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र में केवल 40 मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो पाया था। राज्य में विगत आठ वर्षों में 40 नए मेडिकल कॉलेज और 02 एम्स का निर्माण हुआ है। हर जनपद में डायलिसिस व ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए ब्लड एफ्रेसिस यूनिट की सुविधा उपलब्ध है। अब तक प्रदेश की 7,700 से अधिक ग्राम पंचायतें टी0बी0 से मुक्त हो चुकी हैं। इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के लिए सरकार ने अनेक कार्यक्रम संचालित किये हैं, जिससे हर युवा को काम मिल सके तथा उन्हें मॉडर्न ऐज टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ सके। प्रदेश सरकार देश व दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य कर रही है। राज्य सरकार युवाओं को कौशल व रोजगार से जोड़ने के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति में हर जनपद में इम्प्लॉयमेण्ट जोन स्थापित करेगी। लगभग 100 एकड़ में फैले इस इम्प्लॉयमेण्ट जोन में युवाओं को औद्योगिक कार्यों से जुड़ी तकनीक, स्किल डेवलपमेण्ट के विभिन्न कार्य, न्यू एज टेक्नोलॉजी सिखायी जाएगी।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में बेहतरीन कार्य हुए हैं, जिनके बल पर आज भारत दुनिया की एक बड़ी आर्थिक ताकत बनकर आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश आज भारत का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। उत्तर प्रदेश ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ उत्तर प्रदेश की पहचान हो रही है। राज्य में 07 एक्सप्रेस-वे क्रियाशील हैं, 05 एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन हैं और 10 नए एक्सप्रेस-वे के सर्वे की कारवाई आगे बढ़ चुकी है। एक्सप्रेस-वे नेटवर्क में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में मात्र 02 एयरपोर्ट क्रियाशील थे, जबकि आज 16 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। इनमें 04 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट शामिल हैं। 5वां एयरपोर्ट जनपद गौतमबुद्धनगर, जेवर में निर्माणाधीन हैं, जो उत्तर प्रदेश की आर्थिक शक्ति का एक नया गढ़ होगा।
आज उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक मेट्रो संचालित करने वाला राज्य है। देश की पहली रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में संचालित है। आज उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक रेल नेटवर्क वाला राज्य भी है। प्रदेश सरकार सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट के साथ आगे बढ़ रही है। विगत 08 वर्षों में प्रदेश में जनमानस के सहयोग से लगभग 204 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए गए। उत्तर प्रदेश का फॉरेस्ट कवर बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीरो पॉवर्टी अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के 15 लाख परिवारों को चिन्हित कर उन्हें विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है। बहुत शीघ्र इन 15 लाख लोगों के हर परिवार के एक सदस्य को कोई ना कोई रोजगार अथवा नौकरी से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि उत्तर प्रदेश अपनी शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म प्लानिंग के तहत वर्ष 2029-30 तक गरीबी से मुक्त हो जाएगा। उत्तर प्रदेश को आध्यात्मिक विरासत और आधुनिक विकास के एक बेहतरीन संगम के रूप में आगे बढ़ाने में सफल हो पाएंगे।
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