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संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में लखनऊ में ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन

संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में लखनऊ में ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन

#UPCM Yogi Adityanath ने जनपद लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आयोजित संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में राजधानी लखनऊ में ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन किया तथा संग्रहालय के शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए।

संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में लखनऊ में ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की अदम्य शौर्यगाथाओं और हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की सामुद्रिक क्षमता का जीवन्त प्रतीक बनेगा। समुद्र भारत की सभ्यता के मंथन का केन्द्र रहा है, और भारतीय नौसेना उस गौरवशाली परम्परा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। लखनऊ का यह संग्रहालय उसी परम्परा को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा। संग्रहालय को केवल देखने योग्य नहीं बल्कि 'अनुभव का केन्द्र’ बनाया जाए, जहां दर्शक इतिहास को महसूस कर सकें। डिस्प्ले में डिजिटल, इण्टरएक्टिव और इमर्सिव तकनीकों का प्रयोग हो, ताकि लोग नौसेना के अभियानों, युद्ध और तकनीकी प्रगति का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। नौसेना संग्रहालय में छत्रपति शिवाजी महाराज के विषय में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

‘नौसेना शौर्य वाटिका’ को शीघ्र पूर्ण किया जाए। यह वाटिका युवाओं को आधुनिक नौसैनिक अभियानों और प्रौद्योगिकी से जोड़ने वाला सजीव अनुभव स्थल बनेगी। इस वाटिका में टीयू-142 विमान, जो 29 वर्षों तक समुद्री निगरानी और आपदा राहत अभियानों में सक्रिय रहा, स्थापित किया जा रहा है। साथ ही, सी किंग एसके-42बी हेलीकॉप्टर की प्रदर्शनी भी प्रस्तावित है: #UPCM Yogi Adityanath #UPCM Yogi Adityanath को बैठक में अवगत कराया गया कि संग्रहालय का स्वरूप एक जहाज के रूप में होगा। जहाज की रेलिंग, पोर्थोल जैसी खिड़कियां, नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों के साथ इसे विशिष्ट पहचान दिए जाने की योजना है। 

परिसर में इण्टरप्रिटेशन सेण्टर, सेण्ट्रल डेक, ओपन एयर मेमोरियल, थीमैटिक वॉक-वे, प्रदर्शनी गैलरी, फाउण्टेन और लाइट-एण्ड-साउण्ड एरिना शामिल होंगे। संग्रहालय के डिजाइन को ऊर्जा-संवेदनशील रखा गया है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी, वेण्टिलेशन और हरित निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। प्रस्तुति में बताया गया कि परियोजना दो प्रमुख हिस्सों में विकसित हो रही है। पहली- ‘आईएनएस गोमती शौर्य स्मारक’ और दूसरी- ‘नौसेना शौर्य वाटिका’। ‘आईएनएस गोमती (एफ-21)’ गोदावरी श्रेणी का स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट है, जिसने 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में सेवाएं दीं और ‘ऑपरेशन कैक्टस’, ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे अभियानों में भाग लिया। इसे संरक्षित कर संग्रहालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि नागरिक और युवा इसकी बहादुरी की कहानी को प्रत्यक्ष देख सकें।

आगरा में बन रहे छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय के निर्माण कार्यों की समीक्षा

#UPCM Yogi Adityanath ने जनपद लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने आगरा में बन रहे छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह संग्रहालय भारत के स्वाभिमान, सांस्कृतिक वैभव और वीरता का प्रेरणास्थल बनेगा। यह संग्रहालय आगरा की पहचान को नई ऊंचाई देगा और उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक गौरव का जीवन्त प्रतीक बनेगा। मुख्यमंत्री ने अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए शेष कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण कार्य आगामी जनवरी तक प्रत्येक परिस्थिति में पूर्ण कर लिया जाए, ताकि संग्रहालय को स्वरूप देने का काम तय समय पर पूर्ण हो सके।

यह संग्रहालय केवल इतिहास का स्थिर प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक जीवन्त अनुभव होना चाहिए, जहां आगंतुक भारत की गौरवगाथा को महसूस कर सकें। संग्रहालय की प्रत्येक गैलरी को ऐसी थीमैटिक और इन्टरएक्टिव प्रस्तुति दी जाए, जिससे आगन्तुक केवल दर्शक न रहकर सहभागी बन सकें। ‘शिवाजी एण्ड द ग्रेट एस्केप गैलरी’ में आगरा किले से छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक मुक्ति की घटना को 7-डी तकनीक, डिजिटल साउंड, लाइट और विजुअल इफेक्ट्स के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए, ताकि आगन्तुक उस क्षण की वीरता और रणनीति का सजीव रूप में अनुभव कर सकें। यह अनुभाग शिवाजी महाराज के स्वराज्य संकल्प का प्रतीक बने: #UPCM Yogi Adityanath 

‘अग्रदूतों की गैलरी’ में सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानियों से जुड़ी वस्तुओं, स्मृतियों और दस्तावेजों को सुरक्षित प्रदर्शित किया जाए। यह गैलरी उन अग्रदूतों की गाथा प्रदर्शित करे, जिन्होंने स्वतंत्रता की नींव रखी। यहां झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब, तात्या टोपे और अनेक वीरों की स्मृतियां आधुनिक तकनीक के साथ प्रदर्शित की जाएं। ‘त्योहारों की गैलरी’ में काशी की महाशिवरात्रि और देव दीपावली, ब्रज का श्रीकृष्ण जन्मोत्सव और रंगोत्सव तथा प्रयागराज के महाकुम्भ जैसे प्रदेश के प्रमुख पर्वों का जीवन्त चित्रण हो। यहां केवल तस्वीरें न लगाई जाएं, बल्कि प्रत्येक पर्व को इन्टरएक्टिव अनुभव के रूप में प्रस्तुत किया जाए, जहां प्रकाश, ध्वनि, संगीत और रंगों के माध्यम से आगन्तुक उत्सव का अनुभव कर सकें: #UPCM Yogi Adityanath 

‘नदियों की गैलरी’ में गंगा, यमुना, सरयू और घाघरा जैसी नदियों से जुड़ी आस्था, संस्कृति और लोकजीवन का सजीव चित्रण हों। ‘देवासुर संग्राम’ जैसे अनुभाग के माध्यम से सृष्टि, धर्म और मानव मूल्यों की भारतीय व्याख्या को भी दर्शाया जाए। संग्रहालय परिसर में स्थापित सभी कलाकृतियां, मूर्तियां और स्थापत्य तत्व उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतिनिधित्व करती हुए दिखाई देनी चाहिए। संग्रहालय की प्रत्येक दीवार, आंगन और कलाकृति बोलती हुई कहानी बने, जिसमें लोककला, पारम्परिक शिल्प और आधुनिक कला का समन्वय झलके: #UPCM Yogi Adityanath 

‘आगरा गैलरी’ में शहर की स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए, जिससे आगन्तुकों को मुगलकालीन स्थापत्य, ब्रज संस्कृति और आधुनिक आगरा का समग्र परिदृश्य एक साथ देखने को मिले। ‘ओरिएंटेशन गैलरी’ को संग्रहालय की प्रस्तावना के रूप में विकसित किया जाए, जहां आगंतुकों को संग्रहालय के उद्देश्य, छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उस कालखण्ड के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश का परिचय मिल सके: #UPCM Yogi Adityanath 

संग्रहालय का उद्देश्य केवल अतीत का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा केन्द्र बनाना है। सभी गैलरियों और अनुभव क्षेत्रों में इन्टरएक्टिव तकनीक, वर्चुअल रियलिटी, साउण्ड-लाइट शो और डिजिटल आर्काइव्स का प्रयोग किया जाए। परियोजना की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए सभी कार्य निर्धारित गुणवत्ता और समयसीमा में पूर्ण किए जाएं: #UPCM Yogi Adityanath


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