बलिया-मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने को लेकर दिया बड़ा बयान। कहा मुस्लिम महिलाओं को बुर्का लगाने की परंपरा को लेकर मेरी व्यक्तिगत राय है कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। सरकर ने जैसे तीन तलाक की बुराई को समाप्त किया है और दुनिया के अनेक मुश्लिम देशों में बुर्के पर प्रतिबंध है वैसे ही भारत मे होना चाहिए।
सहारनपुर प्रतिबंध वाले बयान का उलमा ने दिया जवाब
देवबंद: 25 मार्च: बलिया में उत्तर प्रदेश सरकार के मंन्त्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने को लेकर एक विवादित बयान दिया है। मंत्री ने कहा मुस्लिम महिलाओं को बुर्का लगाने की परंपरा को लेकर मेरी व्यक्तिगत राय है कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। सरकार ने जैसे तीन तलाक की बुराई को समाप्त किया है मानसिकता है, वह हावी न रहे, इसके लिए यहां भी बुर्का समाप्त होना चाहिए।शुक्ला के इस बयान की चारों और निन्दा की जा रही है। उलमाओं ने भी मंत्री के इस बयान कि निंदा करते हुए शुक्ला से बयान वापसी लेकर जनता से माफ़ी माँगने की माँग की है।
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम इमाम मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने शुक्ला के बयान की निन्दा करते हुए कहा कि प्रदेश का मंत्री माननीय होता है परन्तु ऐसे ज़िम्मेदार पढ़ पर बैठे व्यक्ति को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिएँ। इसमें कोई शक नहीं शुक्ला का यह बयान धर्मिक भवनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है। गोरा ने कहा कि मंत्री को विकास, अच्छे कार्य की बातें करनी चाहिए।बिना कुछ जाने, समझे किसी के धर्म में दख़लअंदाजी नहीं करनी चाहिए।
गोरा ने कहा कि अगर किसी को पर्दे से तकलीफ़ दिखती है उनको समझ लेना चाहिए इस्लाम की नज़र में महिलायें बहुत ऐहमियत रखती हैं और क़ीमती हैं और हर क़ीमती को ढाँककर रखा जाता है इसी लिए महिलाओं को पर्दे का हुकुम दिया गया है।
गोरा ने मुख्यमंत्री योगी से माँग की है कि मंत्री शुक्ला के बयान पर करवाही करें।
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