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जालौन का नशेबाज़ सीएचसी अधीक्षक निलंबित

जालौन का नशेबाज़ सीएचसी अधीक्षक निलंबित

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने जालौन जिले के नशेबाज़ सीएचसी अधीक्षक को निलंबित करने के दिए आदेश

कमीशन के लिए निजी पैथोलॉजी से जांच कराने के भी आरोप

ड्यूटी में नशे का आरोप, जालौन सीएचसी अधीक्षक के  निलंबन का आदेश

लखनऊ। 29 अक्टूबर

नशे में ड्यूटी करने के आरोप में जालौन स्थित कालपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के अधीक्षक पर गाज गिरी। डिप्टी सीएम ने सीएचसी अधीक्षक को निलंबित करने का आदेश दिया है। अधीक्षक पर मरीजों का प्राइवेट पैथोलॉजी से जांच कराने का इल्जाम लगा। इन मामलों की डिप्टी सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

लापरवाही से मरीज़ की मौत 

जालौन के हीरापुरस गांव निवासी डालचन्द्र के 26 वर्षीय बेटे श्रीलाल की तबीयत बिगड़ गई थी। परिजन पांच जुलाई को बेटे को लेकर सीएचसी पहुंचे। सीएचसी अधीक्षक डॉ. उदय कुमार ने मरीज श्री लाल को खून संबंधी जांच लिखी। साथ ही जांच अस्पताल से न कराने की सलाह दी। निजी पैथोलॉजी का पता बताया। लगातार दो दिनों तक मरीज को भेजकर वहां से जांच कराई। रोगी दूसरे दिन निजी पैथोलोजी नहीं पहुँच पाया। मरीज की मृत्यु हो गई। मामले की जांच कराई गई। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर उदय कुमार द्वारा नशे की हालत में अस्पताल में ड्यूटी किये जाने की बात भी सामने आयी।

डिप्टी सीएम ने लिया सख्त एक्शन 

अस्पताल में पैथोलॉजी जाँच की पर्याप्त सुविधाएँ हैं। इसके बावजूद कमीशन के चक्कर में रक्त की जाँच जबरन निजी पैथालॉजी से कराई गई। साथ ही मरीज को समय से एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। नशे की हालत में ड्यूटी करते हुए अपने दायित्वों में लापरवाही बरती गई। जिससे साफ़ लापरवाही उजागर हुई डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लापरवाह नशेबाज़ दोषी सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उदय कुमार को निलम्बित कर दिया है। झांसी स्थित अपर निदेशक कार्यालय से डॉ. उदय को अटैच  कर दिया गया है। साथ ही आरोपी डॉ. उदय के खिलाफ वृहद् दण्ड की विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

प्राइवेट प्रैक्टिस, कमीशनखोरी की जांच होगी

बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने और सख्ती शुरू कर दी है। गाजीपुर के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुजीत कुमार मिश्र के खिलाफ लापरवाही के चलते कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने कहा कि डॉ. सुजीत उच्चाधिकारियों निर्देशों की अवहेलना कर रहे थे। बिना सूचना ड्यूटी से अनुपस्थित रहकर प्राइवेट प्रैक्टिस में संलिप्त थे। टीकाकारण जैसे जनहित के सरकारी कार्यों में दिलचस्पी नहीं दिखाई। लिहाजा आरोपी डॉ. सुजीत कुमार मिश्रा के खिलाफ वृहद दण्ड की विभागीय कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिये गये हैं। ताकि लापरवाही पर सख्त सबक सिखाया जा सके 

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