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मेडिकल लापरवाही (Medical Malpractice) और वकील की भूमिका

मेडिकल लापरवाही (Medical Malpractice) और वकील की भूमिका

मेडिकल मॉलप्रैक्टिस क्या है?

डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं और मरीज़ो को ज़िन्दगी भी देते है और अच्छा इलाज भी, मगर अच्छे डॉक्टर की आड़ में आजकल कुछ झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर मरीज़ो की जान से खेल जाते है और सही इलाज नहीं करते, हलाकि ऐसे मामलों में सरकार भी सख्त एक्शन लेती रहती है लेकिन फिर भी जब कोई डॉक्टर, नर्स, अस्पताल या अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता अपने पेशेवर कर्तव्यों में लापरवाही करता है, जिससे मरीज को नुकसान होता है, तो इसे मेडिकल मॉलप्रैक्टिस (Medical Malpractice) कहा जाता है।

मेडिकल लापरवाही क्या है और आप मुआवज़ा पाने के लिए Medical Malpractice Lawyer की मदद कैसे ले सकते हैं, जानिए इस लेख में विस्तार से।

इसका मतलब है कि मरीज को सही इलाज नहीं मिला या इलाज में गंभीर गलती हुई।

उदाहरण: झोलाछाप डॉक्टर्स द्वारा गलत दवा देना, ऑपरेशन में गलती, गलत डायग्नोसिस, या समय पर इलाज न देना।

मेडिकल मॉलप्रैक्टिस लॉयर कौन होता है?

Medical Malpractice Lawyer एक ऐसा वकील होता है जो पीड़ित मरीज की तरफ से केस दायर करता है और मुआवज़ा दिलवाने में मदद करता है। यह वकील स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही साबित करने के लिए सबूत जुटाता है और अदालत में मरीज का पक्ष मजबूत करता है। ताकि मरीज़ जिसके साथ इलाज में लापरवाही हुई है उसे उचित मुआवज़ा मिल सके

किन मामलों में आप मेडिकल मॉलप्रैक्टिस का केस कर सकते हैं?

  1. गलत दवा का सेवन करवाना
  2. सर्जरी में लापरवाही या उपकरण शरीर में छोड़ देना
  3. समय पर इलाज न करना
  4. गर्भावस्था या डिलीवरी में लापरवाही
  5. गलत रिपोर्ट्स या जांच परिणाम
  6. बीमारी का पता ना लगा पाना
  7. इलाज प्रदान करने में लापरवाही करना।
  8. मरीज का ऑपरेशन करते समय सावधानी न बरतना।
  9. चिकित्सा सहायता प्रदान करने में अक्षम होना।
  10. ऑपरेशन करते समय मरीज के शरीर में कैंची, रुमाल, तौलिया आदि जैसी कोई बाहरी वस्तु छोड़ देना।
  11. चिकित्सा अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानक का पालन किए बिना अस्पताल चलाना।

मेडिकल मॉलप्रैक्टिस केस कैसे दायर करें?

1. सबूत इकट्ठा करें

  • मेडिकल रिपोर्ट्स
  • डॉक्टरी पर्चे
  • बिल
  • गवाहों के बयान

2. एक अनुभवी मेडिकल मॉलप्रैक्टिस लॉयर से संपर्क करें

  • जो मेडिकल और लीगल दोनों पहलुओं की जानकारी रखता हो।
  • मुआवज़े की सही रकम तय करने में मदद करे।

3. अदालत में केस फाइल करें

  • वकील आपके दस्तावेज़ के आधार पर केस दाखिल करेगा।
  • मुआवज़े की मांग रखी जाएगी।

भारत में मेडिकल मॉलप्रैक्टिस के लिए कानून

  • कंज़्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019: मरीज उपभोक्ता होता है और वह चिकित्सा सेवा के लिए शिकायत कर सकता है।
  • इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट: डॉक्टरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
  • IPC Section 304A: लापरवाही से मृत्यु पर आपराधिक केस भी हो सकता है।
चिकित्सा लापरवाही सिविल और आपराधिक दोनों प्रकृति की हो सकती है, सिविल कानून के तहत मुआवजा भी मिल सकता है और आपराधिक कानून के तहत सजा भी। गलत इलाज या लापरवाही करने के लिए सजा दिए जाने का प्रावधान है:

आईपीसी धारा 304ए : भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपनी लापरवाही से किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है तो उसे दो वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 336: लापरवाही या उतावलेपन से कोई ऐसा कार्य करता है जिससे मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ती है तो उसे 3 महीने तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 337: यदि कोई व्यक्ति लापरवाही या उतावलेपन से कोई ऐसा कार्य करके किसी को चोट पहुंचाता है जिससे मानव जीवन या दूसरों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है तो उसे छह महीने तक के कारावास और 500 रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा। गंभीर चोट

आईपीसी की धारा 338: यदि कोई व्यक्ति लापरवाही या उतावलेपन से कोई ऐसा कार्य करके किसी को गंभीर चोट पहुंचाता है जिससे मानव जीवन या दूसरों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है तो उसे दो वर्ष तक के कारावास और 2000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

मुआवज़ा कितना मिल सकता है?

मुआवज़े की राशि केस की गंभीरता पर निर्भर करती है:

  • मानसिक और शारीरिक कष्ट के लिए
  • इलाज में हुए खर्च के लिए
  • भविष्य की आय में हुई क्षति के लिए
  • परिवार पर पड़े प्रभाव के लिए

लापरवाही के चलते कुछ मामलों में यह राशि लाखों से लेकर करोड़ों तक भी हो सकती है।

भारत के टॉप मेडिकल मॉलप्रैक्टिस लॉयर

नोट: यदि आप दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, या किसी बड़े शहर में हैं, तो वहां आपको विशेषज्ञ लॉ फर्म्स या वकील मिल सकते हैं जो ऐसे मामलों में सफल केस लड़ चुके हैं। ऐसा करने से पहले क़ानूनी सलाह ज़रूर लें और अपने संयम से काम लें 

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2(1) के तहत आप चिकित्सा लापरवाही के लिए मुआवजे का दावा करने के लिए सिविल मुकदमा दायर कर सकते हैं

  • बीस लाख रुपये तक का दावा आप जिला उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं।
  • बीस लाख से एक करोड़ रुपये तक का दावा राज्य उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं।
  • एक करोड़ रुपये से अधिक का दावा राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में किया जा सकता है।

कुछ लोकप्रिय कानूनी प्लेटफॉर्म्स:

  • LawRato
  • VakilSearch
  • LegalRaahi
  • PathLegal

भारतीय चिकित्सा परिषद को रिपोर्ट कैसे करें?


  • आपको मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में लिखित शिकायत दर्ज करानी होगी।
  • शिकायत दर्ज हो जाने पर भारतीय चिकित्सा परिषद कार्यवाही शुरू करेगी और अपने नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार 6 महीने की अवधि के भीतर निर्णय लेगी।
  • शिकायत के लंबित रहने के दौरान भारतीय चिकित्सा परिषद आरोपी डॉक्टर को चिकित्सा व्यवसाय करने से रोक सकती है।
  • यदि चिकित्सा परिषद को लगता है कि आरोपी व्यक्ति चिकित्सा लापरवाही का दोषी है तो उसकी सेवाओं पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

मेडिकल मॉलप्रैक्टिस से कैसे बचें?

  1. इलाज से पहले डॉक्टर से पूरी जानकारी लें।
  2. हमेशा लिखित सलाह लें।
  3. कोई भी सर्जरी या उपचार हो, तो उसका रिकॉर्ड रखें।
  4. संदेह हो तो दूसरे डॉक्टर से राय लें (Second Opinion)।

निष्कर्ष

इलाज में लापरवाही या मेडिकल मॉलप्रैक्टिस एक गंभीर मुद्दा है जो मरीज की जान के साथ खिलवाड़ कर सकता है। अगर आप या आपके किसी जानने वाले के साथ ऐसा कुछ हुआ है, तो तुरंत Medical Malpractice Lawyer से संपर्क करें और अपने अधिकारों के लिए न्याय प्राप्त करें। सही कानूनी सलाह से आप मुआवज़ा भी पा सकते हैं और दूसरों को भी जागरूक कर सकते हैं। फिर भी क़ानूनी सलाह के बिना कोई काम न करे, और अपने संयम से काम लें, हलाकि सब डॉक्टर्स गलत नहीं होते लेकिन कुछ झोलाछाप धन की लालच में लापरवाही करते है हलाकि सरकार भी ऐसे मामलों में सख्त एक्शन लेती है 

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