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मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा की .....और निजीकरण को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की अपील

लखनऊ-निजीकरण को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने की अपील 

25 जुलाई 2025 : निजीकरण का विफल प्रयोग उत्तर प्रदेश की गरीब जनता पर न थोपा जाय: संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील की

लखनऊ-निजीकरण को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने की अपील

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप करने की कृपा करें जिससे देश के अन्य हिस्सों में विफल हो चुके निजीकरण के प्रयोग को उत्तर प्रदेश की गरीब जनता पर न थोपा जाय। बिजली कर्मचारियों ने लगातार 240 वें दिन निजीकरण के विरोध में विरोध प्रदर्शन जारी रखा।        

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि उनके  मार्गदर्शन में बिजली कर्मचारियों ने रिकॉर्ड विद्युत आपूर्ति की है और लाइन हानियां में कमी कर उसे राष्ट्रीय मानक के नीचे कर दिया है। महाकुंभ के दौरान बिजली कर्मियों ने अथक परिश्रम कर  65 दिनों तक चले महाकुंभ में पल मात्र के लिए भी विद्युत आपूर्ति में व्यवधान नहीं आने दिया। आंदोलन रत रहते हुए भी बिजली कर्मियों ने भीषण गर्मी के दौरान लगातार बेहतर विद्युत आपूर्ति बनाए रखने का प्रयास किया।        

संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में निजीकरण का प्रयोग एक विफल प्रयोग है। प्रांत के स्तर पर सबसे पहले वर्ष 1999 में उड़ीसा में विद्युत वितरण का निजीकरण किया गया था। निजीकरण का यह प्रयोग उड़ीसा के सबसे अधिक औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र में एक वर्ष में ही विफल हो गया। अमेरिका की एईएस कंपनी एक वर्ष बाद ही काम छोड़कर भाग गई और उसने महा चक्रवात के दौरान टूटे बिजली के ढांचे का पुनर्निर्माण करने से इनकार कर दिया। रिलायंस पावर  अन्य तीन विद्युत वितरण निगमों में काम करता रहा। फरवरी 2015 में उड़ीसा के विद्युत नियामक आयोग ने बेहद खराब परफॉर्मेंस के चलते रिलायंस पावर के भी तीनों लाइसेंस रद्द कर दिये। उड़ीसा में यह दूसरी विफलता थी। 

कोरोना के दौरान जून 2020 में उड़ीसा के चारों विद्युत वितरण निगमों का लाइसेंस टाटा पावर को दे दिया गया। इसी माह 15 जुलाई को उड़ीसा के विद्युत नियामक आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बेहद खराब परफॉर्मेंस के कारण टाटा की चारों कंपनियों को नोटिस जारी किया है और उनके परफॉर्मेंस पर जनसुनवाई का आदेश जारी कर दिया है ।उड़ीसा में यह निजीकरण की तीसरी विफलता है। उड़ीसा में भारतीय जनता पार्टी टाटा पावर के विरोध में लगातार आंदोलन कर रही है।    

संघर्ष समिति ने कहा कि पड़ोसी प्रांत बिहार में गया, भागलपुर और समस्तीपुर में अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी के नाम पर निजीकरण का प्रयोग किया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके पूरी तरह असफल रहने के चलते इसे एक साल बाद ही रद्द कर दिया। महाराष्ट्र में औरंगाबाद, जलगांव, नागपुर और झारखंड में रांची और  जमशेदपुर में निजीकरण के विफल प्रयोग निरस्त किए जा चुके है।

संघर्ष समिति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजीकरण का प्रयोग असफल रहा है। ग्रेटर नोएडा में आए दिन किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं की शिकायतें सामने आ रही है। ग्रेटर नोएडा में निजी कंपनी का लाइसेंस निरस्त कराने हेतु स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा लड़ रही है। आगरा में टोरेंट पावर कंपनी अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी के करार का खुलेआम उल्लंघन कर रही है।

संघर्ष समिति ने कहा कि निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती है और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले 42 जनपदों में बेहद गरीब जनता रहती है। अतः प्रदेश के और आम जनता के व्यापक हित में निजीकरण का विफल प्रयोग उत्तर प्रदेश में न लागू किया जाए और तत्काल इसे निरस्त किया जाए।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के आज 8 माह पूरे हो गए हैं। आंदोलन के 240 वें दिन आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध सभा कर निजीकरण का निर्णय निरस्त करने की मांग की।

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प्रधानमंत्री से मिले उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (Photo)



मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा की


सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को 
मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध करायाः मुख्यमंत्री

फील्ड से प्राप्त शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से हो
बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और वायरिंग नहीं, 
यह जन अपेक्षा और शासन की प्रतिबद्धता का दर्पण 

ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं, हर उपभोक्ता को हर महीने सही समय पर स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए

लाइन लॉस को चरणबद्ध रूप से नीचे लाने का लक्ष्य तय करने के निर्देश, लगातार बढ़ रही ह्यूमिडिटी और तापमान ने विद्युत खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया

कृषि फीडरों के तेजी से पृथक्करण और किसानों को पी0एम0 कुसुम योजना से जोड़ने के निर्देश

लखनऊ : 25 जुलाई, 2025 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक विषय नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और शासन की संवेदनशीलता का पैमाना बन चुकी है। ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी और सुधार करना ही होगा।

अनावश्यक कटौती अब स्वीकार नहीं


बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जून, 2025 में उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड 31,486 मेगावॉट की अधिकतम बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की। इस अवधि में 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई। लगातार बढ़ रही उमस (ह्यूमिडिटी) और तापमान ने खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया, इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घण्टे, तहसील स्तर पर 21.5 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे तक बिजली उपलब्ध कराई गई।

ट्रिपिंग की समस्या का निदान हो 


मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रिपिंग की समस्या के निदान हेतु फीडरों की तकनीकी जांच हो, कमजोर स्थानों की पहचान कर तुरन्त सुधार कराया जाए। जहाँ ज़रूरत हो, वहां ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता तुरन्त बढ़ायी जाए, ताकि ओवरलोडिंग की स्थिति न बने। फील्ड से प्राप्त शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से हो, ताकि जनता को राहत मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया है। ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशकों से उनके क्षेत्रों की आपूर्ति की स्थिति जानने के बाद उन्होंने हर स्तर पर जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए।

फॉल्स या ओवरबिलिंग जैसी शिकायतें जन विश्वास को तोड़ती


मुख्यमंत्री ने कहा कि हर उपभोक्ता को हर महीने सही समय पर स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए। फॉल्स या ओवरबिलिंग जैसी शिकायतें जन विश्वास को तोड़ती हैं और विभाग की साख को नुकसान पहुंचाती हैं। यह किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जोड़े जा चुके हैं और इस प्रक्रिया को ब्लॉक स्तर तक ले जाने का कार्य तेजी से जारी है। मुख्यमंत्री ने तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों (लाइन लॉस) को चरणबद्ध रूप से नीचे लाने का लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर डिस्कॉम को अपने स्तर पर ठोस रणनीति बनाकर कार्य करना होगा। साथ ही, जहां आवश्यक हो, पारेषण व वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी गति पकड़े।

बिना भेदभाव सेवा करें 


मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 11,595 मेगावॉट है, जिसमें थर्मल, जल विद्युत, नवीकरणीय और केंद्रीय योजनाओं की परियोजनाएं शामिल हैं। घाटमपुर और मेजा जैसी नई परियोजनाओं के पूरा होने के बाद यह क्षमता अगले दो वर्षों में 16,000 मेगावॉट से अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं की सतत निगरानी और समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए मुख्यमंत्री ने कृषि फीडरों के तेजी से पृथक्करण और किसानों को पी0एम0 कुसुम योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का कार्य प्राथमिकता पर होना चाहिए, ताकि किसानों को स्थायी राहत मिल सके और पारम्परिक बिजली पर निर्भरता कम हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और वायरिंग नहीं, यह जन अपेक्षा और शासन की प्रतिबद्धता का दर्पण है। हमारा दायित्व है कि हर नागरिक को यह महसूस हो कि उसे बिना भेदभाव व पारदर्शी तरीके से समयबद्ध बिजली मिल रही है।
 


 
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा ली गई बिजली विभाग की मीटिंग में वर्चुअल रूप से शामिल हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा


 
पूर्व में ऊर्जा मंत्री द्वारा ली गई बैठक में नाराज होते हुए बोले..(ऊपर वीडियो )

1. आप लोग अपनी बकवास बंद करिए। मैं आपकी बकवास सुनने को नहीं बैठा हूँ।

2. नीचे ज़मीनी हकीकत एक दम अलग है। जानता को फेस करिए तब मालूम पड़ेगा। मैं कई जिलों का दौड़ा करके कल ही लौटा हूँ। 

3. आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। जनता पर क्या बीत रही है और लोग क्या विभाग के बारे में क्या सोच रहे हैं यह आपको मालूम ही नहीं। 

4. पुलिस से भी ख़राब काम है आप लोगों का। जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है वही आप लोग ऊपर तक बताते हो। 

5. बिजली विभाग कोई दुकान नहीं है कि ख़ाली बिल के पैसे वसूलने के लिए काम करे। यह एक जन सेवा है। और हमें उस हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा। 

6. पूरा फीडर या गाँव की लाइन काटने पर फटकारते हुए बोले कि उन उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो समय से बिल भर रहे हैं। उनका जला हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना कौन सा न्याय है। 

7. ग़लत जगह विजिलेंस के छापे डाले जा रहे हैं। जहाँ बड़ी चोरी हो रही है वहाँ नहीं जाते। पैसा वसूली हो रही है FIR करने के नाम पर। 

8. आजी की ये सब बातें लिखी जाँय। मौखिक बोल-बोल कर मैं थक गया। आप लोग  मीटिंग में हमारी बात सुनने के बाद कहीं और से संचालित होकर उल्टा ही करते हो। 

9. अब ये सब नहीं चलेगा। मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूँ। विधानसभा में जवाब देता हूँ। आपको किसने अधिकार दिया मनमानी करने का। 

10. आप लोगों के ग़लत और असामयिक निर्णयों का ख़ामियाज़ा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। 

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