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भारत के संविधान की मूल थीम न्याय, समता और बंधुता पर आधारित : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त किए

भारत के संविधान की मूल थीम न्याय, समता और बंधुता पर आधारित : मुख्यमंत्री

भारत के संविधान की मूल थीम न्याय, समता और बंधुता पर आधारित : मुख्यमंत्री

देश का सबसे बड़ा और दुनिया के किसी भी राज्य से जुड़ा सबसे बड़ा उच्च न्यायालय प्रदेश में स्थित 

विकसित भारत के लिए विकसित उ0प्र0 तथा विकसित उ0प्र0 के लिए जनपद का विकसित होना आवश्यक, विकास का रास्ता सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था से प्रारम्भ होता 

गत एक वर्ष में प्रदेश के जनपद और ट्रायल कोर्ट्स में 72 लाख मामलों का निस्तारण हुआ 

प्रदेश सरकार न्यायिक व्यवस्था को और सुदृढ़, न्याय को सुगम व त्वरित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही 

प्रदेश सरकार ने वर्ष 2024-25 में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्तिगण के लिए प्रयागराज में आवास निर्माण हेतु 62 करोड़ 41 लाख रु0 तथा लखनऊ बेंच के न्यायमूर्तिगण की आवासीय सुविधा हेतु 117 करोड़ रु0 की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की

उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण हेतु 99 करोड़ रु0 की धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही जारी की जा चुकी 

वादकारी खण्ड के निर्माण के लिए 112 करोड़ 06 लाख रु0 के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से आगे बढ़ाया जा चुका

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हेरिटेज भवन के रखरखाव के लिए 44 करोड़ 91 लाख रु0 की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी

प्रदेश के 10 जनपदों में इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई

महिलाओं के प्रति अपराध पर राज्य सरकार अत्यन्त गम्भीर, विभिन्न पॉक्सों न्यायालय, फास्ट ट्रैक कोर्ट तथा अन्य न्यायालयों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अब तक 381 न्यायालयों का गठन कराया गया

जनपदीय न्यायालयों में सी0सी0टी0वी0 कैमरा और अन्य सुरक्षा उपकरणों के लिए 92 करोड़ रु0 से अधिक की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति पहले ही जारी 

फायर फाइटिंग उपकरण आदि की स्थापना के लिए 59 जनपदों हेतु अब तक 19 करोड़ रु0 से अधिक की धनराशि जारी 

द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग को प्रदेश सरकार ने पूर्ण रूप से लागू किया, ऐसा करने में उ0प्र0 अग्रणी राज्यों में

न्यायिक अधिकारियों के वेतन भत्तों के एरियर भुगतान हेतु 1092 करोड़ 37 लाख रु0 से अधिक की धनराशि को स्वीकृति

प्रदेश के न्यायिक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान में न्यायिक अधिकारियों के 400 बेडेड हॉस्टल निर्माण हेतु 54 करोड़ 28 लाख रु0 से अधिक की धनराशि स्वीकृत

न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में 14 करोड़ 22 लाख रु0 की लागत से एक उत्कृष्ट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्मित 

उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का नवीन कार्यालय भवन 22 करोड़ 52 लाख रु0 से अधिक की धनराशि से निर्मित किया गया 

डॉ0 राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज के निर्माण कार्य हेतु 387 करोड़ रु0 से अधिक की धनराशि स्वीकृत 

प्रदेश में 110 ग्राम न्यायालय क्रियाशील, अन्य स्थानों से प्राप्त प्रस्तावों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही प्रारम्भ 

प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में न्यायालयों में उन्नत तकनीक, वाद प्रबन्धन, डेटाबेस विश्लेषण तथा ए0आई0 का उपयोग कर न्यायिक व्यवस्था को और अधिक उन्नत बनाने के लिए प्रयासरत 

राज्य सरकार लिटिगेशन टाइम को कम करने के लिए मुकदमा नीति के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य कर रही

 न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा तथा सहयोग प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 50 करोड़ रु0 का कॉरपस फण्ड उ0प्र0 न्यायिक सेवा संघ को उपलब्ध कराने की घोषणा 

न्याय विभाग द्वारा समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायालय कक्षों, कार्यालय कक्ष तथा न्यायिक अधिकारीगण के कक्ष में एयरकण्डीशनर स्थापित किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत, प्रदेश सरकार इस सम्बन्ध में पूरा सहयोग करेगी

जनपदीय न्यायालयों में प्रत्येक न्यायालय के लिए डेपोजिशन राइटर की आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति के लिए सैद्धांतिक सहमति 

न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा से सम्बन्धित मामला सामने आया, प्रदेश सरकार इस सम्बन्ध में उचित प्रस्ताव प्राप्त कर प्रत्येक जनपद में इस कार्य को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाएगी

लखनऊ, 23 अगस्त, 2025 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारत के संविधान की मूल थीम न्याय, समता और बंधुता पर आधारित है। किसी भी राज्य के परसेप्शन को जनमानस में विश्वास के रूप में प्रस्तुत करने के लिए न्यायपालिका की बड़ी भूमिका होती है। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि देश का सबसे बड़ा और दुनिया के किसी भी राज्य से जुड़ा सबसे बड़ा उच्च न्यायालय प्रदेश में स्थित है। 102 वर्षों के इतिहास में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। यह केवल संघ का अधिवेशन मात्र नहीं, बल्कि उन बेस्ट प्रैक्टिसेस पर जोर देने का प्रयास है, जो किसी संस्था के भविष्य को तय करने में एक निर्णायक भूमिका का निर्वहन करती हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्ड पीठ में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ की स्मारिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अधिवेशन भारत का संविधान लागू होने के अमृत महोत्सव वर्ष में आयोजित हो रहा है। यह  प्रदेश में न्यायिक अधिकारियों के महाकुम्भ का दर्शन कराता है। यहां सभी न्यायिक अधिकारी एकता, परस्पर सहयोग और व्यवसायिक दक्षता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करने में सफल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान के प्रति वचनबद्धता के दृष्टिगत देश में अनेक आयोजन हो रहे हैं। देश की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों को ‘विकसित भारत’ के संकल्प के साथ जोड़ा है। विकसित भारत की शुरुआत हमें अपनी इकाई से करनी होगी। विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश तथा विकसित उत्तर प्रदेश के लिए जनपद का विकसित होना आवश्यक है। विकास सबकी समृद्धि का कारण बनेगा और इसका रास्ता सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था से प्रारम्भ होता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमें सुशासन का लक्ष्य प्राप्त करना है, तो न्याय को सुगम और त्वरित बनाना पड़ेगा। गत एक वर्ष में प्रदेश के जनपद और ट्रायल कोर्ट्स में 72 लाख मामलों का निस्तारण हुआ है। आज भी हमारे सामने चैलेंज है कि 01 करोड़ 15 लाख से अधिक मामले लम्बित हैं। लम्बित मामलों के निस्तारण का परिणाम प्रदेश में देखने को मिल रहा है। मामलों के निस्तारण में हमारी गति जितनी अधिक होगी, हम आम जन के मन में उतना ही दृढ़ विश्वास बनाने में सफल होंगे। प्रदेश सरकार न्यायिक व्यवस्था को और सुदृढ़, न्याय को सुगम व त्वरित बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में 01 जुलाई, 2024 से तीन नए कानून लागू किए गए हैं। प्रारम्भ में तीनों नए कानूनों को लागू करने में कठिनाई होने की आशंका थी। न्यायिक अधिकारियों ने तत्परता के साथ इन्हें लागू किया। तीनों नए कानून न्यायपालिका की नींव को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाने में सफल हो रहे हैं। यह कानून न्यायिक प्रणाली व भारत के लोकतंत्र की मजबूत इमारत को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सुशासन के लक्ष्य हेतु प्रतिबद्ध है। न्यायपालिका द्वारा आम जनमानस को ससमय, सस्ता और सुगम न्याय उपलब्ध कराकर सुशासन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। यह कार्य विकसित भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगा। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार प्रारम्भ से पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2024-25 में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्तिगण के लिए प्रयागराज में आवास निर्माण हेतु 62 करोड़ 41 लाख रुपये तथा लखनऊ बेंच के न्यायमूर्तिगण की आवासीय सुविधा हेतु 117 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण हेतु 99 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही जारी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में उच्च न्यायालय के अधिकारियों के 896 आवासीय भवनों के निर्माण हेतु प्रदेश सरकार ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। वादकारी खण्ड के निर्माण के लिए 112 करोड़ 06 लाख रुपये के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से आगे बढ़ाया जा चुका है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हेरिटेज भवन के रखरखाव के लिए 44 करोड़ 91 लाख रुपये की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। राज्य सरकार ने इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स की नई संकल्पना आगे बढ़ाई है। प्रदेश के 10 जनपदों में इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। इसमें से छह जनपदों में निर्माण कार्य हेतु 1635 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें जनपद न्यायालय, मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल, परिवार न्यायालय, कमर्शियल कोर्ट्स तथा लैंड एक्विजिशन आदि कोर्ट्स सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध पर राज्य सरकार अत्यन्त गम्भीर है। विभिन्न पॉक्सों न्यायालय, फास्ट ट्रैक कोर्ट तथा अन्य न्यायालयों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अब तक 381 न्यायालयों का गठन कराया जा चुका है। केन्द्र पुरोनिधानित योजना के अन्तर्गत कोर्टरूम एवं आवास निर्माण परियोजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में 148 करोड़ रुपये से अधिक तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में 239 करोड़ रुपये से अधिक तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 75 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। जनपदीय न्यायालयों में सी0सी0टी0वी0 कैमरा और अन्य सुरक्षा उपकरणों के लिए 92 करोड़ रुपये से अधिक की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति पहले ही जारी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फायर फाइटिंग उपकरण आदि की स्थापना के लिए 59 जनपदों हेतु अब तक 19 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की जा चुकी है। जैसाकि यहां न्यायिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग को उत्तर प्रदेश ने पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है। ऐसा करने में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में है। न्यायिक अधिकारियों के वेतन भत्तों के एरियर भुगतान हेतु 1092 करोड़ 37 लाख रुपये से अधिक की धनराशि को स्वीकृति दी जा चुकी है। प्रदेश के न्यायिक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान में न्यायिक अधिकारियों के 400 बेडेड हॉस्टल निर्माण हेतु 54 करोड़ 28 लाख रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। यह परियोजना लगभग पूर्ण हो चुकी है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में 14 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से एक उत्कृष्ट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्मित किया जा चुका है। संस्थान में अत्याधुनिक लेक्चरर हॉल, प्रशासनिक भवन, प्रशिक्षण ब्लॉक और कम्प्यूटर लैब के रखरखाव के लिए 08 करोड़ 77 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। संस्थान के ऑडिटोरियम को 02 करोड़ 36 लाख रुपये से अधिक की लागत से उन्नत किया गया है। संस्थान परिसर पर 01 करोड़ 68 लाख रुपये से अधिक की धनराशि से अधिकारी आवासों में वृहद मरम्मत कार्य कराए गए हैं। संस्थान में अन्य आनुषंगिक रखरखाव के लिए वर्ष 2019-20 से वर्ष 2024-25 तक कुल 81 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का नवीन कार्यालय भवन 22 करोड़ 52 लाख रुपये से अधिक की धनराशि से निर्मित किया गया है। डॉ0 राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज के निर्माण कार्य हेतु 387 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है। जहां निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में 110 ग्राम न्यायालय क्रियाशील किए जा चुके हैं। अन्य स्थानों से प्राप्त प्रस्तावों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। 

प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में न्यायालयों में उन्नत तकनीक, वाद प्रबन्धन, डेटाबेस विश्लेषण तथा ए0आई0 का उपयोग कर न्यायिक व्यवस्था को और अधिक उन्नत बनाने के लिए प्रयासरत है। वैकल्पिक विवाद अनुतोष व समाधान तंत्र को भी और भी सुदृढ़ किया जाएगा। न्यायिक व्यवस्था में डिजिटल बुनियादी ढाँचे के निर्माण के साथ-साथ इण्टर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के अन्तर्गत ई-कोर्ट्स, ई-पुलिसिंग, ई-प्रिजन, ई-प्रॉसीक्यूशन तथा ई-फॉरेंसिक के एकीकरण से प्रदेश की न्याय व्यवस्था को उन्नत और उत्कृष्ट बनाने के साथ-साथ त्वरित न्याय प्रदान करने तथा मुकदमों के बोझ को कम करने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लिटिगेशन टाइम को कम करने के लिए मुकदमा नीति के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य कर रही है। न्यायिक अधिकारियों की विषम परिस्थितियों में उन्हें तथा उनके परिजनों को सहायता प्रदान करने के लिए न्यायिक अधिकारी कल्याण कोष की स्थापना की गयी है। वर्ष 2018 में प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों के कल्याण के लिए 10 करोड़ रुपये के कॉरपस फण्ड की व्यवस्था की गई थी। न्यायिक अधिकारियों को सुरक्षा तथा सहयोग प्रदान करने के लिए समय के साथ आगे बढ़ते हुए प्रदेश सरकार 50 करोड़ रुपये का कॉरपस फण्ड उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ को उपलब्ध कराने की घोषणा करती है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के जनपदीय न्यायालयों में 01 करोड़ 15 लाख से अधिक मामले लम्बित हैं। जिससे जनपदीय न्यायालय कक्षों में वादकारियों की भीड़ लगी रहती है और प्रतिकूल मौसम में क्षमता के अनुरूप कार्य करना दुरूह हो जाता है। न्याय विभाग द्वारा समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायालय कक्षों, कार्यालय कक्ष तथा न्यायिक अधिकारीगण के कक्ष में एयरकण्डीशनर स्थापित किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, प्रदेश सरकार इस सम्बन्ध में पूरा सहयोग करेगी। न्यायिक अधिकारी सेवा संघ द्वारा जनपदीय न्यायालयों में डेपोजिशन राइटर (साक्ष्य लेखक) के पदों की मांग की गयी थी। जनपदीय न्यायालयों में प्रत्येक न्यायालय के लिए डेपोजिशन राइटर की आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति के लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान की जाती है। ताकि न्यायिक कार्यों को और अधिक तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा से सम्बन्धित मामला सामने आया है। प्रदेश सरकार इस सम्बन्ध में उचित प्रस्ताव प्राप्त कर प्रत्येक जनपद में इस कार्य को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाएगी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अरुण भंसाली ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि न्यायिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करना हम सभी का सामूहिक उत्तदायित्व है। न्यायिक सुदृ़ढ़ता संवैधानिक मूल्यों की अभिभावक है। जनपद न्यायालय पीड़ितों को प्रारम्भिक न्याय उपलब्ध कराते हैं। लम्बित मामलों के निस्तारण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश की कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। आमजन को न्याय उपलब्ध कराने में प्रदेश सरकार की कार्यशैली सहायक साबित हो रही है। इस अवसर पर न्यायमूर्ति श्री मनोज कुमार गुप्ता, उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ के न्यायमूर्ति श्री राजन रॉय, लखनऊ के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री राजेश सिंह चौहान, जिला न्यायाधीश, लखनऊ श्रीमती बबिता रानी, उत्तर प्रदेश न्यायिक संघ के अध्यक्ष श्री रणधीर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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