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Brajesh Pathak :- मनमानी पर उतारू 4 महिला डॉक्टर बर्खास्त, प्रदेश के पांच अस्पतालों का भी होगा कायाकल्प

लापरवाही अब डाक्टरों को भी पड़ेगी भारी 

लखनऊ, 4 अक्टूबर, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के सख्त निर्देश पर प्रमुख सचिव ने लापरवाह महिला डॉक्टर्स पर लिया एक्शन
स्वास्थ्य विभाग में मनमानी पर उतारु डॉक्टरों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शिकंजा कस दिया है। लगातार गैरहाजिर चल रहीं चार महिला डॉक्टरों को डिप्टी सीएम ने बर्खास्त करने की संस्तुति की है। सरकारी आदेशों की अवहेलना करने वाले चारों डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।

इन पर गिरी गाज

झांसी जिले के मोठ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात महिला डॉक्टर डॉ. श्वेता त्रिपाठी पर गिरी गाज, गोरखपुर जिले के कम्पियरगंज की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डॉ. आफरीन अली, भदोही स्थित औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की डॉ. ज्योत्सना सिंह, हमीरपुर के राठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की डॉ. नम्रता कुमार पर कार्रवाई की गई 


सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में डॉक्टर बिना बताए गायब चल रहे हैं। इन डॉक्टरों ने अपने अधिकारियों को ड्यूटी पर न आने की सूचना तक देना मुनासिब नहीं समझा। इस लापरवाही का कारण जानने के लिए अधिकारियों ने पत्राचार भी किया। इसके बाद भी लापरवाही के चलते गैरहाजिर डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉक्टरों के इस रवैए पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को ऐसे लापरवाह डॉक्टरों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जो मरीज़ो की सेवा करने के बजाय निजी क्लिनिक आदि चलाकर मरीज़ो को लूट रहे है, ऐसे लापरवाह डॉक्टरों की पहचान के बाद लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्हें बक्शा नहीं जायगा 

लापरवाह 4 महिला डॉक्टर बर्खास्त

बुधवार को डिप्टी सीएम ने चार और डॉक्टरों की बर्खास्त की संस्तुति की है। श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को आदेश दिया गया है। उन्होंने कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही व अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे डॉक्टर और कर्मचारियों को कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। उनकी समस्याओं को निस्तारण कर रही है। ऐसे में डॉक्टर भी अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन करें। चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मियों की जनसामान्य की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

है।

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प्रदेश के पांच अस्पतालों का भी होगा कायाकल्प

आधुनिक उपकरणों से लैस होंगे अस्पताल

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर अस्पतालों को बजट जारी

लखनऊ। 4 अक्टूबर

उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार ने अहम कदम उठाया है। प्रदेश के पांच जिलास्तरीय अस्पतालों का कायाकल्प करने का फैसला किया गया। अस्पतालों के कायाकल्प के लिए वित्तीय स्वीकृत दे दी गई है। अस्पतालों में सुधार के लिए मिले इस बजट से भवनों की मरम्मत की जाएगी। अस्पतालों में मरीजों की सुविधाओं का धयान रखते हुए हर जरूरी संसाधन जुटाए जाएंगे। साथ ही अस्पतालों को  आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा ताकि हर सुविधा मरीज़ो को दी जा सके उन्हें कोई परेशानी न हो।

इन अस्पतालों को मिला बजट

1- रामपुर के डॉ. बीआर अम्बेडकर जिला चिकित्सालय के लिए 1,86,68,036 रुपये जारी किए गए।

2- बलरामपुर जिला चिकित्सालय के लिए 1,40,75,980 रुपये की वित्तीय स्वीकृत प्रदान की गई है।

3- उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के जिला चिकित्सालय के लिए  1,40,04,885 रुपये जारी हुए 

4- बाराबंकी जिला महिला चिकित्सालय हेतु 1,28,79,120 रुपये का प्रावधान किया गया है।

5- मुरादाबाद के पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय के लिए 34,45,860 रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।

बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग को वित्तीय स्वीकृत प्रदान कर दी गई है। डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक को जल्द से जल्द अस्पतालों की व्यवस्था को और सुधार की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि मरीजों की सहूलियतों के लिए अस्पतालों में संसाधनों बढ़ाए जा रहे हैं ताकि मरीजों को बड़े शहरों की तरफ रुख न करना पड़े। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी कम होगा। 

उपकरण क्रय किए जाएंगे

डिप्टी सीएम ने कहा कि बजट से रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, ऑपरेशन थिएटर समेत इलाज में इस्तेमाल होने वाले दूसरे उपकरण क्रय किए जाएंगे। भवनों की मरम्मत कराई जाएगी। साफ-सफाई की व्यवस्था को और अधिक चुस्त दुरुस्त किया जाएगा। इससे वहां भर्ती या आये हुए मरीजों को संक्रमण से बचाने में काफी मदद मिलेगी।

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