समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद श्री मुख्तार अनीस (78वर्ष) के निधन पर गोमतीनगर लखनऊ स्थित उनके आवास पर जाकर शोक संवेदना व्यक्त किया।
श्री अखिलेश यादव ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी भी मौके पर मौजूद रहे।
श्री यादव ने श्री मुख्तार अनीस के समाजवादी आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए परिजनों से दुःख साझा किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौर में श्री अनीस लोकतंत्र की लड़ाई में जेल गए। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से शुरू हुआ उनका राजनैतिक सफर आजीवन समाजवादी मूल्यों के लिए समर्पित रहा। उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्होंने जनहित में महत्वपूर्ण फैसले लिए जिसका लाभ जनता को मिला। उनका निधन समाजवादी पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है।श्री यादव ने श्री मुख्तार अनीस के दोनों पुत्रों सर्वश्री जहीर अब्बास और यूसा रिजवी़, पत्नी, भाई से मुलाकात कर सांत्वना दी।
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वो नेता विपक्षी भी जिसको अपना आदर्श मानते थे जिनहोने सियासत की ऐसी मिसाल पेश की घोर विरोधी भी उनके क़ायल थे जो कभी सरकारों के पास नहीं जाते थे, सरकारें खुद चलकर उनके पास आती थीं
वो नेता जो अपनी अटैची के साथ कहीं भी धरने पर बैठ जाता था
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य भूतपूर्व लोकसभा सांसद सीतापुर, भूतपूर्व केबिनेट मंत्री मुख़्तार अनीस के इंतक़ाल से लोकतंत्र को बड़ीक्षति हुई जो पूरी नही की जा सकती ।आप 1977-1978 जनता पार्टी की सरकार में डिप्टी पशुपालन मंत्री रहे 1978-1980 होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री रहे 1889 में जनता दल की तरफ से मुलायम सिंह की कैबिनेट में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रहे।
आपको ''गाँजर के गाँधी'' के नाम से जाना जाता था
आपने भारत के दसवें और उत्तर प्रदेश के पहले सबसे लम्बे रिवर ब्रिज "चहलारी घाट" के लिए तम्बौर से लखनऊ पैदल यात्रा की थी, आप एमर्जेंसी के दौरान चौदह माह जेल में भी रहे, लोकनायक जय प्रकाश नारायण आंदोलन में भी आपकी अहम भूमिका रही आपने Lohia-Many Faceted Personality नामक पुस्तक भी लिखी है


दुखद
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