रिलायंस फ़ाउंडेशन का जानवरो के प्यार को दिखाता ‘वनतारा’ –इसके तहत जानवरों के बचाव, संरक्षण और पुनर्वास का देश में पहला कार्यक्रम
‘वनतारा’ अनंत अंबानी के दिल के करीब कार्यक्रम है जो अंतरराष्ट्रीय संरक्षण कार्यक्रम को सहयोग देगा
क्या है रिलायंस फ़ाउंडेशन का "वनतारा", क्यों अनंत अम्बानी के दिल के है करीब
जामनगर, 26 फ़रवरी, 2024. रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और रिलायंस फ़ाउंडेशन ने जानवरों को समर्पित एक व्यापक, नए कार्यक्रम की घोषणा की है जिसका नाम है – ‘वनतारा’ (जंगलों का सितारा)। भारत में हो या वैश्विक स्तर पर, वनतारा के अंतर्गत जानवरों को बचाना, उपचार कर उनका ख़्याल रखना और उनका पुनर्वास – सब किया जाएगा। बचाव और पुनरकी ज़रूरत दुर्व्यवहार का शिकार या घायल जानवर होती है। या फिर ऐसे जानवरों को जिनके जानवरों के अस्तित्व को ख़तरा हो। वनतारा ऐसे जानवरों को बचाने के लिए काम कर रहा है। रिलायंस के जामनगर रिफ़ाइनरी कॉम्प्लेक्स की ग्रीन बेल्ट में वनतारा के लिए 3,000 एकड़ की जगह दी गई है। जानवरों के जाने-माने विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार इस 3,000 एकड़ के इलाक़े को जानवरों के प्राकृतिक आवास, हरे-भरे जंगल की तरह विकसित किया गया है। वनतारा, जानवरों को समर्पित अपनी तरह का देश का पहला कार्यक्रम है। इसके प्रणेता हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और रिलायंस फ़ाउंडेशन के बोर्ड में डायरेक्टर श्री अनंत अंबानी। अनंत अंबानी जामनगर में रिलायंस के अक्षय ऊर्जा व्यवसाय का भी नेतृत्व कर रहे हैं जिसके दम पर कंपनी वर्ष 2035 तक नेट कार्बन ज़ीरो कंपनी बनने पर काम कर रही है।
कौन कौन है शामिल
वनतारा कार्यक्रम जनवरी के बचाव, संरक्षण और उनका ख़्याल रखने के लिए अत्याधुनिक अस्पताल, शोध और शैक्षणिक संस्थानों को बनाएगा। वनतारा के मार्फ़त शोध के काम को और आगे बढ़ाएगा और साथ ही दुनिया के जाने-माने संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा जिनमें इंटरनेशनल यूनियन फ़ॉर नेचर (IUCN) और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ़ फ़ंड (WWF) शामिल हैं।
हज़ारों जानवरो की मदद हुई
कुछ वर्षों में इस प्रोग्राम वनतारा की मदद से करीब 200 हाथियों सहित अन्य हज़ारों जानवरों को बचाया और उनका संरक्षण किया गया जिनमें सरिसृप और पक्षी भी शामिल हैं। हाथी , गेंडे, चीते और मगरमच्छ सहित कई प्रजातियों के जानवरो का पुनर्वास भी किया गया है। वनतारा ने मेक्सिको और वेनेज़ुएला सहित कुछ और देशों से बह जानवरों के बचाव और मदद के लिए काम किया है। ये काम करते समय जानवरो के लिए देश और विदेश के क़ानूनों का पूरी तरह ख़्याल रखा गया
वनतारा के बारे में श्री अनंत अंबानी कहते हैं, “बहुत छोटी उम्र से ये मेरा सपना था लेकिन अब वनतारा मेरे जीवन का एक मिशन बन गया है। इसमें हमारी एक ज़बर्दस्त टीम पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुड़ी हुई है। हमारा सबसे ज़्यादा ध्यान देश की सर्वाधिक संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने पर लगा है।“
प्राकृतिक आवासों को बचाना
“ हम प्रयास करते है प्राकृतिक आवासों को इन जानवरों के लिए बचा सकें और उन सब समस्याओं का निराकरण करें जिनके चलते इन प्रजातियों के विलुप्त और नुकसान होने का ख़तरा है। इस काम में वनतारा की भूमिका एहम है और मुझे खुशी है कि हमारे कार्यक्रमों को देश में ही नहीं विदेशों में भी सराहा जा रहा है।“
“ वनतारा के इस मिशन में देश और विदेश के जानवरों और चिकित्सा मामलों के कई जानवरो विशेषज्ञ और डॉक्टर्स शामिल हैं। साथ ही खुशी भी है कि इस काम में हमें कई सरकारी संगठनों, शोध और शैक्षणिक संस्थाओं की मदद भी मिल रही है।“
जानवरो के लिए पार्टनरशिप में काम
वनतारा जानवरो के बचाव के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, अन्य सरकारी संगठनों के साथ मिलकर पार्टनरशिप में काम करता है सबकी कोशिश रहती है कि कैसे देश के करीब 150 से ज़्यादा चिड़ियाघरों में और जानवर लाए जा सकें, उनका ख़्याल रखने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण मिले और इसके लिए समुचित ढांचा और सुदृढ़ किया जाए। वनतारा के पीछे अपनी सोच के बारे में श्री अंबानी ने कहा, “सदियों से हम ‘करुणा’ की भावना हमारी संस्कृति का अंग रही है; इस भावना के साथ हम आधुनिक विज्ञान, तकनीक और प्रोफ़ेशनल नज़रिए को जोड़ रहे हैं। जीव सेवा, भगवान की सेवा है और इंसानियत का तकाज़ा भी।”
हाथियों का केंद्र, हाथियों के लिए शेल्टर
वनतारा में जंगल के हाथियों के लिए एक सेंटर भी है. साथ ही शेर, बाघ, चीते, मगरमच्छ जैसे और बड़े और छोटे जानवरों के लिए भी ख़ास व्यवस्था है। वनतारा के अंतर्गत 3,000 एकड़ में हाथियों के लिए शेल्टर बनाए गए हैं। हाथी जिनमें शरण ले सकें ऐसे, रात के लिए अलग और दिन के लिए अलग प्रकार के स्थान बनाए गए हैं। हाथियों के नहाने के लिए जगह-जगह जलाशय हैं और जिन हाथियों को आर्थराइटिस की बीमारी है उनके लिए तो बाक़ायदा जैकूज़ी भी बनाई गई है। 200 हाथियों का ख़्याल रखने के लिए 500 से ज़्यादा प्रशिक्षित कर्मचारी हैं जिनमें कई विशेषज्ञ शामिल हैं।
वनतारा सेंटर में जंगल के हाथियों के सेंटर में करीब 25,000 वर्ग फ़ीट में फ़ैला एक अस्पताल भी है जो हाथियों के लिए दुनिया के सबसे बड़े अस्पतालों में से है। अस्पताल में चलती-फिरती एक्स-रे मशीन, लेज़र मशीन के साथ कई प्रकार के उपचारों में काम आनेवाले अत्याधुनिक उपकरण हैं। फ़ार्मेसी, हाथियों की चिकित्सा में काम आने वाली हाइड्रोलिक पुली और क्रेन, हाइड्रोलिक सर्जिकल टेबल और हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चेंबर भी है।
हाथियों का इलाज
वनतारा के अस्पताल में जंगल के हाथियों के मोतियाबिंद और दूसरी बिमारियों का इलाज किया जाता है। केवल इतना ही नहीं – दुनिया में पहली बार वनतारा के तहत हाथियों के लिए ‘एंडोस्कोपी गाइडेड सर्जरी’ करने की सुविधा भी है जिससे हर प्रकार की सर्जरी की जा सकती है। जंगल में बीमार या घायल हाथियों के लिए कई बार उनके खान-पान के विशेष इंतज़ाम करने की ज़रूरत होती है। इसके लिए 14,000 स्क्वेयर फ़ीट का एक अलग सेंटर भी है हाथियों के लिए आयुर्वेदिक इलाज की सुविधाएँ भी हैं – हाथियों की गर्म तेल से मसाज की जाती है, मुल्तानी मिट्टी से उपचार किए जाते हैं। चौबीसों घंटे हाथियों को आयुर्वेदिक इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।
बचाव एवं पुनर्वास केंद्र
यहाँ पर जंगली जानवरों के अलावा सर्कस से लाये जानवरों की भी मदद की जाती है जिन्हें सर्कस से लाया गया है या जो जानवर खचाखच भरे चिड़ियाघरों से लाए गए हैं, जहा वे सही से रह भी नहीं पते। इनके लिए 3,000 एकड़ में फैले विशाल परिसर के अंदर ही 650 एकड़ में एक बचाव और पुनर्वास केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र में भारत और दुनिया भर से संकटग्रस्त जानवरों को बचाया जाता है और एक अत्याधुनिक बाड़े और आश्रय स्थल में रखा जाता है।
केंद्र में 2100 से अधिक कर्मचारी
जानवरो के पुनर्वास केंद्र में 2100 से अधिक कर्मचारी हैं। जिनकी मदद से पूरे भारत से लगभग 200 तेंदुओं को बचाया है, जो सड़क दुर्घटनाओं या संघर्षों में घायल हुए थे। केंद्र ने तमिलनाडु में अत्यधिक भीड़भाड़ वाले चिड़ियाघर से करीब 1,000 से अधिक मगरमच्छों को भी मौत से बचाया है। इसने अफ़्रीका में शिकार घरों, स्लोवाकिया में इच्छामृत्यु के ख़तरे में पड़े जानवरों और मेक्सिको में विभिन्न जगहों पर गंभीर रूप से तनावग्रस्त बीमार जानवरों को बचाया है।
यहाँ पर 1 लाख वर्ग फुट का अस्पताल और जानवरो का मेडिकल रिसर्च सेंटर है। सेंटर के पास जानवरो के इलाज को आईसीयू, एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, डेंटल स्केलर, लिथोट्रिप्सी, डायलिसिस, ओआर तकनीक के साथ सबसे एडवांस तकनीक है जो जानवरो की सर्जरी और रक्त प्लाज्मा सेपरेटर के लिए लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंस को सक्षम बनाती है।
43 प्रजातियों के 2000 से अधिक जानवर केंद्र की देखरेख में
भारतीय और विदेशी जानवरों की करीब 7 लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किया । इन प्रजातियों को बचाने को इन्हें अपने मूल आवासों में फिर से बसाया जाता है। अब तक करीब वंतारा इकोसिस्टम के ज़रिये 200 से अधिक हाथियों, करीब 300 से अधिक बड़ी बिल्लियों जैसे तेंदुए, बाघ, शेर, जगुआर आदि, 300 से अधिक शाकाहारी जानवरों जैसे हिरण और 1200 से अधिक सरीसृप जैसे मगरमच्छ, सांपों, कछुओं को एक नया जीवन दिया है।
बचाव और विनिमय में अनुपालन
जानवरो के लिए बने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और मान्यता चिड़ियाघर नियम और 2009 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्यों के चीफ़, वाइल्डलाइफ़ वार्डन्स और सेंट्रल जू अथॉरिटी की पूर्व-अनुमति के प्राप्त करने के बाद सभी बचाए गए जानवरों को वंतारा में लाया गया है। सभी एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के अनुमोदन पर आगे बढ़ाए जाते हैं। वंतारा ने भारत और विदेशों में अन्य संस्थानों के आदान-प्रदान संदेशों पर काम करते हुए कई जानवरों को बचाया है। ऐसे जानवरों को सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विदेश व्यापार महानिदेशालय, पशुपालन और डेयरी विभाग और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद लाया गया है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
जानवरो के वेनेज़ुएला नेशनल फ़ाउंडेशन ऑफ़ ज़ूज़ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से मिलकर काम करने और स्मिथसोनियन और वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ ज़ूज़ एंड एक्वेरियम जैसे दुनिया भर के संगठनों के साथ जुड़कर वंतारा कार्यक्रम को काफी फ़ायदा हुआ है। भारत में, यह नेशनल ज़ूलॉजिकल पार्क, असम स्टेट ज़ू, नागालैंड ज़ूलॉजकिल पार्क, सरदार पटेल ज़ूलॉजिकल पार्क जैसे कई संगठनों के साथ सहयोग करता है।
शिक्षा और जागरूकता
जानवरो के प्रति आम लोगों, विशेषकर युवाओं, बच्चों में संरक्षण के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए, वंतारा में ज्ञान और संसाधन के आदान-प्रदान सहित शैक्षणिक संस्थानों के साथ घनिष्ठ सहयोग की परिकल्पना की गई है। इसमें करुणा और देखभाल में नए मानक स्थापित करने वाले आधुनिक और भविष्य के, जलवायु नियंत्रित बाड़ों में कुछ जानवरों के लिए एक प्रदर्शन क्षेत्र के निर्माण की भी परिकल्पना की गई है।
हरियाली से भरपूर क्षेत्र
जंगल के जानवरों का बचाव और संरक्षण, प्रकृति के रख-रखाव के साथ में ही चलना चाहिए। वंतारा कार्यक्रम में रिलायंस रिफ़ाइनरी क्षेत्रों के निरंतर हरा-भरा रखने की भी परिकल्पना और कोशिश की गई है और पहले से ही हज़ारों एकड़ भूमि को वनाच्छादित किया गया है।
Post a Comment