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सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी

सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी

मशहूर खगोलशास्त्री एरिक लागाडेक ने पृथ्वी पर सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी की इस घटना को लेकर कहा कि उन्हें इस नज़ारे से फ्रांस देश में एक ऐतिहासिक रात जीने का मौका मिला। सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी वास्तव में सौर कणों और भावनाओं से भरी हुई थी। साथ ही उन्होंने लोगों को सलाह दी कि आज रात बाहर जाएं और इसका अनुभव लें। 

सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी क्या है 

हम आपको इस तूफ़ान के बारे में बता दें कि नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अंतरिक्ष मौसम अनुमान केंद्र के इस घटना के अनुसार, स्पेस में कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के चलते हमारी धरती पर भी इस तूफान का असर देखने को मिला 

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सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी

इस तूफ़ान को लेकर उल्लेखनीय है कि सूर्य (SUN) की सतह से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के निकलने को कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है।

सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी पृथ्वी पर 

दो दशकों से भी अधिक समय में सबसे शक्तिशाली सौर तूफान शुक्रवार को पृथ्वी (EARTH) से टकराया था। इस वजह से दुनिया के कई देशों में ध्रुवीय ज्योति (ऑरोरा) जैसा नजारा देखने को मिला। अब बताया जा रहा है कि यह रोशनी आज भी कई देशों में दिखाई दे सकती है।

सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी अदभुत नज़ारा 

सौर तूफान के बाद आसमान में एक अदभुत रोशनी देखने को मिल रही है। यह आमतौर पर ग्रह के सुदूर उत्तरी इलाकों तक ही सीमित है, इसलिए उनका उपनाम 'उत्तरी रोशनी' है। ब्रिटेन में उत्तरी रोशनी, जिसे ऑरोरा बोरेलिस के नाम से भी जाना जाता है, के दुर्लभ नजारे देखे गए हैं। सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी की लिवरपूल, केंट, नॉरफॉक और ससेक्स सहित कई इलाकों में लोगों ने रोशनी की तस्वीरें साझा की हैं। स्कॉटलैंड (SCOTLAND) के कुछ हिस्सों में भी यह दिखाई दी है। इस सौर तूफान का असर आज जारी रहेगा और इसके असर से कई इलाको में तूफ़ान के चलते संचार उपग्रह और पावर ग्रिड्स (POWER GRIDS) आदि को नुकसान की सम्भावना है

सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी ऐतिहासिक रात 

खगोलशास्त्री एरिक लागाडेक (LAGADEK ) ने पहली रात के बाद सोशल मीडिया (SOCIAL MEDIA ) पर लिखा, 'मुझे फ्रांस (FRANCE) में एक ऐतिहासिक रात जीने का एहसास हुआ। यह वास्तव में सौर कणों और भावनाओं से भरी हुई थी। ऐसी अच्छी जगह ढूंढे, जहां से आप यह रोशनी (SPECIAL LIGHT) देख सकें।'

भौतिकी के प्रोफेसर का दावा 

इस सौर तूफान, ऑरोरा बोरेलिस, उत्तरी रौशनी के तूफ़ान को लेकर रीडिंग विश्वविद्यालय (reading university) में अंतरिक्ष भौतिकी के प्रोफेसर (physics professor) मैथ्यू ओवेन्स (MATHEW OWENCE) ने अपने एक अनुमान में कहा कि जबकि इसका असर मुख्य रूप से ग्रह के उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों पर महसूस हो सकता है, ये असर कितनी दूर तक फैलेंगे यह तूफान की अंतिम ताकत पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, 'मेरी सलाह होगी कि आज रात बाहर जाएं और देखें क्योंकि अगर आपको ऑरोरा (AURORAS) दिखाई देता है, तो यह काफी शानदार चीज है।' अगर लोगों के पास सूर्य ग्रहण देखने वाले चश्मे हैं, तो वे दिन के समय सनस्पॉट समूह को भी देख सकते हैं।

एलन मस्क के उपग्रह 

एलन मस्क, (ALON MUSK) जिनके स्टारलिंक उपग्रह इंटरनेट ऑपरेटर के पास पृथ्वी की निचली कक्षा में करीब 5,000 उपग्रह हैं, उन्होंने कहा कि इस घटना के चलते उनके मौजूद उपग्रह बहुत दबाव में थे, लेकिन कोई ख़ास असर न होते हुए अब तक टिके हैं। हालांकि चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष मौसम केंद्र ने शनिवार सुबह एक रेड अलर्ट जारी किया। चेतावनी दी गई कि तूफान देश के अधिकांश क्षेत्रों में संचार और नेविगेशन को प्रभावित करेगा।

संचार नेटवर्क में बड़ा व्यवधान नहीं 

शुक्रवार को इस तूफान को मुख्य रूप से पांच भू-चुंबकीय स्थितियों के रूप में लिस्ट किया गया था। शनिवार को जी3 से जी5 (G-3, G-5) की स्थिति देखी गई, जिसमें जी4 या उच्चतर स्थितियों की भविष्यवाणी रविवार को की गई और जी3 की स्थिति सोमवार को संभव है। लेकिन अधिकारियों की शुरुआती चिंताओं के बावजूद इस बार बिजली या संचार नेटवर्क में कोई बड़ा व्यवधान सामने नहीं आया है।

पहले 2003 में सौर तूफान धरती से टकराया था

इससे पहले अक्तूबर 2003 में सौर तूफान धरती से टकराया था। उस सौर तूफान को हैलोवीन तूफान (HALLOWVEEN STROME) नाम दिया गया था और उसके असर से पूरे स्वीडन में बिजली व्यवस्था ठप हो गई थी और साथ ही दक्षिण अफ्रीका में पावर ग्रिड्स (POWER GRIDS) को भारी नुकसान हुआ था। एनओएए का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कई और सौर तूफान आ सकते हैं। सौर तूफान के चलते ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी यूरोप में ध्रुवीय ज्योति (AURORAS) की घटनाएं देखने को मिलीं। ध्रुवीय ज्योति की घटना में सूर्य से आने वाले पार्टिकल्स जब धरती पर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र (MAGNETIC FIELD) में आते हैं तो इससे जो प्रतिक्रिया प्रतीत होती है, तो उसके असर से सूर्य से आने वाले पार्टिकल्स चमकदार रंग-बिरंगी रोशनी (colorful light) के रूप में दिखते हैं।

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