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पोस्टर को लेकर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की प्रतिक्रिया

पोस्टर को लेकर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की प्रतिक्रिया 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के होर्डिंग में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की आधी तस्वीर काटकर उस हिस्से में अखिलेश यादव की तस्वीर लगाए जाने पर कड़ी उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे घोर आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि यह बाबा बाबा साहब का अपमान है।  

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के होर्डिंग में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की आधी तस्वीर काटकर उस हिस्से में अखिलेश यादव की तस्वीर लगाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे घोर आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि यह बाबा बाबा साहब का अपमान है।     हम अंबेडकरवादी लोग बाबा साहब का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का कृत्य खुद दलित विरोधी है, उन्होंने अपने शासनकाल में दलित कार्मिकों के प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगाई जिससे लाखों दलित अधिकारियों और कर्मचारियों को डिमोशन का दंश झेलना पड़ा। दलित समाज अभी तक इसे भूला नहीं है।   - सपा प्रमुख अखिलेश यादव दलितों को अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। बाबा साहब की आधी तस्वीर काटकर उसमें अपनी आधी तस्वीर लगाकर वे शायद दलित समाज को यह बताना चाहते हैं कि वे बाबा साहब के बराबर हैं, लेकिन उनके इस कृत्य से दलित समाज न सिर्फ आहत है बल्कि इसे अखिलेश द्वारा जानबूझकर बाबा साहब का अपमान किए जाने का कुत्सित प्रयास मान रहा है।   -अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम से बने संस्थानों से डॉ. आंबेडकर का नाम हटा दिया था। इतना ही नहीं बाबा सहब की पत्नी रमाबाई आंबेडकर के नाम से बने जिले कानपुर देहात से भी रमाबाई अंबेडकर का नाम हटाया था।   अगर अखिलेश यादव के दिल में बाबा साहब के प्रति थोड़ा भी सम्मान है तो उन्हें बाबा साहब की आधी तस्वीर के साथ अपनी जोड़ी गई तस्वीर को तत्काल हटाना चाहिए और इसके लिए दलित समाज से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।

हम अंबेडकरवादी लोग बाबा साहब का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का कृत्य खुद दलित विरोधी है, उन्होंने अपने शासनकाल में दलित कार्मिकों के प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगाई जिससे लाखों दलित अधिकारियों और कर्मचारियों को डिमोशन का दंश झेलना पड़ा। दलित समाज अभी तक इसे भूला नहीं है। 

- सपा प्रमुख अखिलेश यादव दलितों को अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। बाबा साहब की आधी तस्वीर काटकर उसमें अपनी आधी तस्वीर लगाकर वे शायद दलित समाज को यह बताना चाहते हैं कि वे बाबा साहब के बराबर हैं, लेकिन उनके इस कृत्य से दलित समाज न सिर्फ आहत है बल्कि इसे अखिलेश द्वारा जानबूझकर बाबा साहब का अपमान किए जाने का कुत्सित प्रयास मान रहा है। 

-अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम से बने संस्थानों से डॉ. आंबेडकर का नाम हटा दिया था। इतना ही नहीं बाबा सहब की पत्नी रमाबाई आंबेडकर के नाम से बने जिले कानपुर देहात से भी रमाबाई अंबेडकर का नाम हटाया था। 

अगर अखिलेश यादव के दिल में बाबा साहब के प्रति थोड़ा भी सम्मान है तो उन्हें बाबा साहब की आधी तस्वीर के साथ अपनी जोड़ी गई तस्वीर को तत्काल हटाना चाहिए और इसके लिए दलित समाज से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।

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