Ahmedabsd Plane Crash : हवाई यात्रा कितनी सुरक्षित ?
Ahmedabsd Plane Crash: एअर इंडिया के विमान हादसे में 11ए सीट पर बैठा होने के कारण एक यात्री की जान बच गई। इसके बाद से इस बात पर चर्चा हो रही है कि क्या हर विमान में 11ए सीट सबसे सुरक्षित होती है। विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि हर विमान हादसा अलग होता है, इसलिए सिर्फ सीट नंबर से सुरक्षा तय नहीं की जा सकती।
एअर इंडिया के बोइंग 787-7 विमान की दुर्घटना में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक यात्री ही जीवित बच पाया। यह यात्री विमान हादसे से कुछ सेकंड पहले ही बाहर निकलने में सफल हुआ। यात्री की सीट संख्या 11ए थी। ऐसे में इस बात पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या 11 ए सबसे सुरक्षित सीट थी।
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विमानन विशेषज्ञ कहते हैं कि इस जवाब इतना आसान या सीधा नहीं है, क्योंकि हर विमान की सीट की व्यवस्था अलग होती है। हर दुर्घटना अलग होती है और बचने की संभावना कई चीजों पर निर्भर करती है। अमेरिकी एक गैर-लाभकारी संस्था 'फ्लाइट सेफ्टी फाउंडेशन' के निदेशक मिशेल फॉक्स कहते हैं, हर दुर्घटना अलग होती है और केवल सीट की जगह देखकर यह तय करना कि कौन बचेगा, मुमकिन नहीं है।
सुरक्षा जानकारी बचा सकती है आपकी जान
विशेषज्ञों का कहना है कि उड़ान शुरू होने पर दी जाने वाली सुरक्षा जानकारी असल में आपकी जान बचा सकती है। ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। चालक दल के सदस्यों की बातों का सख्ती से पालन होना चाहिए। पिछले साल जनवरी में जापान एयरलाइंस की एक उड़ान में जो हादसा हुआ था, उसमें 379 लोगों की जान सिर्फ इसलिए बची, क्योंकि सभी यात्रियों ने चालक दल के सदस्यों की बातों को पूरी सख्ती से माना। जैसे कि उन्होंने अपना सामान नहीं उठाया और बाहर निकलने में देर नहीं की।
वह एयरबस ए350 विमान टोक्यो के हानेडा हवाई अड्डे पर एक कोस्ट गार्ड विमान से टकरा गया था, जिसमें छोटे विमान के चालक दल के छह में से पांच सदस्यों की मौत हो गई थी। सुरक्षा निर्देशों में आमतौर पर यह सिखाया जाता है कि सीट बेल्ट कैसे बांधनी है। आपात हालात में शरीर की स्थिति कैसे होनी चाहिए और बाहर निकलने का रास्ता कैसे तय करना है। एक आम सलाह यह होती है कि अपनी सीट से सबसे नजदीकी दरवाजे तक कितनी पंक्तियां हैं, यह गिन लें। यह जानकारी तब बहुत काम आती है, जब विमान के अंदर धुआं भर जाए और कुछ दिखाई न दे।
हर विमान में अलग होती है सीटों की व्यवस्था
विश्व कुमार रमेश ने बताया कि लंदन जा रहे एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में उनकी सीट 11ए आपातकालीन दरवाजे के पास थी। विमान गुरुवार दोपहर अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुआ और वह बाहर निकलने में सफल रहे। फिर चलकर वह एंबुलेंस के पास पहुंचे। आपातकालीन दरवाजे के पास बैठना दुर्घटना में आपकी जना बचा सकते हैं। लेकिन हर बार सीट 11ए ही आपातकालीन दरवाजे पास नहीं होती, क्योंकि विमानों में सीट की व्यवस्था अलग-अलग होती है।
हर बार 11A सीट सुरक्षित नहीं होती: रॉन बार्च
सिडनी स्थित 'एवला एविएशन कंसल्टिंग'के प्रमुख रॉन बार्च कहते हैं, इस विशेष मामले में यात्री आपातकालीन दरवाजे के बगल में बैठा था, यह सीट उस दिन सबसे सुरक्षित साबित हुई। हर बार 11A सीट सुरक्षित नहीं होती, यह सिर्फ बोइंग 787 विमान के इस खास डिजाइन में 11ए के पास आपातकालीन दरवाजा था।
पीछे बैठने वाले यात्रियों की बचने की संभावना अधिक
2007 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि विमान के पीछे बैठने वाले यात्रियों की बचने की संभावना अधिक होती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि विमान का पंखों वाला हिस्सा ज्यादा स्थिर होता है। यह अध्ययन 1971 के बाद हुई दुर्घटनाओं पर आधारित था। रमेश की तरह दरवाजे के पास बैठने से आपको सबसे पहले बाहर निकलने का मौका मिल सकता है। हालांकि दुर्घटना के बाद कुछ दरवाजे काम नहीं करते। उन्होंने बताया कि विमान का दूसरा हिस्सा एक इमारत की दीवार से टकरा गया था, जिससे हादसा हुआ।
पिछले साल जनवरी में एक बोइंग 737 मैक्स की उड़ान के दौरान कई पेंच (बोल्ट) गायब होने के कारण विमान की एक दीवार (जिससे प्लेन की खिड़कियां लगी होती हैं या जो प्लेन को हवा और दबाव से बचाता है) उड़ गई थी, जिससे उस सीट को नुकसान हुआ जो उसके पास थी। सौभाग्य से, उस समय वहां कोई नहीं बैठा था और किसी की जान नहीं गई।गलियारे के पास बैठने से आपको जल्दी निकलने में मदद मिल सकती है, लेकिन इससे आपके सिर पर ऊपर से गिरने वाले सामान से चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है और यह घटना बड़ी दुर्घटनाओं की तुलना में कहीं ज्यादा आम है।
हालांकि, एयर इंडिया जैसी दुर्घटनाएं भी होती हैं। मिशेल फॉक्स का कहना है कि आज के विमान ऐसे बनाए जाते हैं कि कोई दुर्घटना हो भी जाए तो यात्री सुरक्षित बाहर निकल सकें। इनमें जमीन पर दिखाई देने वाली रोशनी, आग पकड़ने और बुझाने की तकनीकें, कम जलने वाली सामग्री और आपातकालीन दरवाजों तक बेहतर पहुंच शामिल हैं। फॉक्स ने कहा, हवाई जहाज के अंदरूनी हिस्सों के डिजाइन में बहुत तरक्की हुई है। जिससे जमीन पर या जमीन के पा दुर्घटना होने पर भी यात्रियों की जान बचाई जा सके।
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