लखनऊ, दरगाह हज़रत अब्बास (अ.स.) : 11 मोहर्रम सबील
लखनऊ : दरगाह हज़रत अब्बास (अ.स.) के पास 11 मोहर्रम को ज़ायरीनों के लिए हर साल की तरह इस साल भी रिज़वान साहब की जानिब से मौला की याद में सबील लगाई गई, जिसमे दूर दूर से पहुंचे ज़ायरीनों के लिए तमाम तरह के खानो का इंतज़ाम किया गया इसके अलावा बच्चो के लिए शरबत, फ्रूटी, पानी आदि का भी सबील पर गर्मी को देखते हुए इंतेज़ाम किया गया...
आँखों का वज़ू करते हैं शब्बीर के ग़म से
सबील पर हज़ारो लोगों ने तबर्रुक चखा, दरगाह हज़रात अब्बास पर 11वीं मोहर्रम पर होने वाले प्रोग्राम में हज़ारों ज़ायरीन दूर दूर से आते हैं दरगाह पर जुलूस के बाद लौटते ज़ायरीनों के लिए तमाम सबीले लगती है उसी को लेकर इस सबील को भी लगाया जाता है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा ज़ायरीन इस सबील पर तबर्रुक चख सके
इंसान को बेदार तो हो लेने दो...
हर क़ौम पुकारेगी हमारे हैं हुसैन...
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cold drink campa cola of reliance
मंजऱ भी मुसलमां, पसे मंजऱ भी मुसलमां
गर्दन भी मुसलमां, ख़ंजर भी मुसलमां।।
क्या ग़ुजऱेगी इस्लाम की कश्ती पे ख़ुदारा
तूफां भी मुसलमान है लंगर भी मुसलमांन।।
सर काटने वालों का भी दावा-ए-इस्लाम
कटते हैं जो हर रोज़ वो हैं सर भी मुसलमान।।
तारीख़ है शाहिद कि बड़ा फर्क था उन में
लाखों भी मुसलमां थे और बहत्तर भी मुसलमां।।
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