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All Eyes On Rafah : इज़राइल हमलों का दुनियाभर में विरोध

All Eyes On Rafah : इज़राइल हमलों का दुनियाभर में विरोध

वायरल हो रही इस पोस्ट का क्या मतलब है। अगर नहीं तो हम आपके लिए इस पोस्ट से जुड़ी डिटेल्स लेकर आए हैं। यहां हम आपको 'ऑल आईज ऑन राफा' का मतलब और इसके पीछे की कहानी विस्तार से बता रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया भर के लोग फिलिस्तीन को सपोर्ट करने के लिए इजराइली हमले का ऑनलाइन विरोध कर रहे हैं। All Eyes On Rafah : इज़राइल हमलों का दुनियाभर में विरोध हो रहा है इसराइल के विरोध में दुनियाभर के नामी लोग बहुत तेजी से शामिल हुए इसराइल के क्रूर हमले की निंदा की जा रहीAll Eyes On Rafah : इज़राइल हमलों का दुनियाभर में विरोध

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जिसमे निर्दोष बच्चो, महिलाओं, बुज़ुर्गों की जान लेने को इज़राइल जंग बता रहा है इसराइल की क्रूरता की 1 दिन के भीतर 4 करोड़ (40 मिलियन) से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट को #AllEyesOnRafah के साथ पोस्ट कर विरोध जताया है  

All Eyes On Rafah : इज़राइल हमले पर Trend कर रहा 

All Eyes On Rafah : इज़राइल हमलों का दुनियाभर में विरोध को लेकर ऑल आइज ऑन रफाह...इसका हिंदी में मतलब- सभी की निगाहें रफाह पर हैं। ये 4 शब्द बुधवार, 29 मई को सोशल मीडिया पर छा गया। आपने भी मोबाइल की उंगलियां चलाते हुए ये तस्वीर जरूर देखी होगी। इसका सीधा संबंध इजरायल-हमास जंग से है। रविवार (26 मई) की रात इजराइल ने हमास के हमले का पलटवार करते हुए रफाह शहर में रिफ्यूजी कैंप पर अटैक किया। इसमें 45 से ज्यादा लोग मारे गए। मृतकों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इसके बाद दुनिया फिलिस्तीनियों के समर्थन में खड़ी हो गई। भारत के तमाम दिग्गजों समेत पूरी दुनिया से लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।   

All Eyes On Rafah : इज़राइल का दुनियाभर में विरोध

'ऑल आईज ऑन राफा' एक अभियान है , जो इजरायली सैनिक द्वारा गाजा शहर में चल रहे हमले की ओर दुनिया भर के लोग का ध्यान खींच रहा है। गाजा में सैनिक जमीनी हमले कर रहे हैं, जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं। गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे के कारण एक बार फिर यह दुनिया भर में लोगों की नजर में आया है। घनी आबादी वाले शहर राफा में इजरायली सैनिकों द्वारा जमीनी हमले के बीच इस नारे के साथ जमीनी स्तर पर अभियान ने दुनिया भर में महत्वपूर्ण गति पा ली है।

All Eyes On Rafah : बच्चो, महिलाओ की हत्या 

इसके बारे में जानने से पहले आपको जान लेना चाहिए कि इसकी शुरुआत किसने की है। इस अभियान की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन फिलिस्तीन के कार्यालय के निदेशक डॉ. रिक पीपरकोर्न के एक बयान से हुई थी। उन्होने फरवरी 2024 में कहा था कि सभी की निगाहें राफा पर हैं। यह वह समय था जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शहर के लिए निकासी योजना का आदेश दिया। आतंकवादी समूह हमास के अंतिम बचे हुए गढ़ों को खत्म करने के लिए योजनाबद्ध हमलों से पहले था। इसका का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताना था कि राफा की स्थिति पर आंखें मूंदना नहीं है, पूरी दुनिया की नज़र इस पर है यहां गाजा में करीब 1.4 मिलियन लोगों ने शरण ली है।

All Eyes On Rafah :  इजरायल की क्रूरता 

इस घटना के चलते राष्ट्रपति बिडेन सहित दुनिया भर के लीडर ने राफा पर हमलों के लिए इजरायल की आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका इजरायल को सुरक्षा के लिए तो हथियार देगा, लेकिन वह राफा पर हमलों में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों की सप्लाई नहीं करेगा। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय( International Criminal Court) ने भी कहा कि युद्ध अपराधों के लिए नेतन्याहू सहित हमास और इजरायली अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी वारंट चाहता है

All Eyes On Rafah : टेंट सिटी में करीब 10 लाख लोग

रफाह में युद्ध से बचने के लिए करीब 10 लाख लोग शरण लिए हैं। 24 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को आदेश दिया था कि वह रफाह में अपने सैन्य ऑपरेशन को बंद करे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मानवीय सहायता के लिए मिस्र के साथ लगने वाली सीमाओं को खोला जाए। बावजूद इसके बाद इजरायल ने रफाह पर पर ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया। 

All Eyes On Rafah : किसने दिया नारा?

ऑल आइज ऑन रफाह एक मुहावरा है, जो गाजा के शहर रफाह में चल रहे नरसंहार से संबंधित है। इस स्लोगन का सबसे पहले फरवरी में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO के डायरेक्टर पीपरकोर्न ने इस्तेमाल किया था। पीपरकोर्न ने फरवरी में इजरायली प्रधानमंत्री द्वारा निकासी योजना बनाने के आदेश के कुछ दिनों ने बाद कहा था कि सभी की निगाहें रफाह पर हैं। गाजा के दक्षिण में स्थित रफाह शहर शरणार्थी टेंट शिविरों से भरा हुआ है। All Eyes On Rafah के जरिए लोग दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे रफाह शहर को गाजा में हो रही घटनाओं से दूर रखें। 

क्रूरता से दुनिया में नाराज़गी 

All Eyes On Rafah को लेकर दुनियाभर के लोग अपना समर्थन जता रहे हैं। भारत में अभिनेता वरुण धवन, एली गोनी, सामंथा रूथ प्रभु और त्रिप्ति डिमरी सहित कई मशहूर हस्तियों ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर ऑल आइज ऑन रफाह फोटो पोस्ट किए हैं। सेव द चिल्ड्रन, ऑक्सफैम, अमेरिकन्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन एक्शन, यहूदी वॉयस फॉर पीस और फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी कैंपेन जैसे सहायता समूहों ने भी इस नारे को अपनाया है।

दुनिया के मशहूर लोगों ने भी किया विरोध 

सोशल मीडिया पर शेयर हो रही ईमेज को मुख्य रूप से इंस्टाग्राम के स्टोरीज फीचर के माध्यम से शेयर किया गया है। ग्लोबल लेवल पर कई सेलिब्रिटीज, खिलाड़ियों और ब्रिजर्टन स्टार निकोला कफलान (Bridgerton star Nicola Coughlan), गायक-गीतकार केहलानी (Kehlani) ने इस पोस्ट को शेयर किया। भारत में भी यह सिलसिला शुरू हुआ।
प्रमुख भारतीय अभिनेताओं वरुण धवन, आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा, करीना कपूर, रश्मिका मंदाना, सोनाक्षी सिन्हा, सामंता रुथ प्रभु, तृप्ति डिमरी, दीया मिर्जा और ऋचा चड्ढा जैसी बड़ी हस्तियों ने इसे पोस्ट किया।

बच्चो, बुज़र्ग़ो, महिलाओ पर हमला 

पिछले रविवार को इजराइल ने क्रूरता दिखते हुए गाजा के उस इलाके में भीषण बमबारी की, जहां महिलाये बच्चे और बुज़ुर्ग शरणार्थी रह रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस क्रूर गोलीबारी और हमलों में, दक्षिणी गाजा के राफा शहर में कम से कम 45 निर्दोष लोग मारे गए।
मारे जाने वाले लोगों में ज्यादातर लोग तंबू में शरण लिए हुए थे। 
गाजा के डॉक्टरों का कहना है कि शिविर में आग लग गई थी जिसमें कम से कम महिलाओ बच्चो बुज़ुर्गो समेत 45 लोगों की मौत हो गई थी।

UN Court भी नाराज़ 

इजराइल की तरफ से यह हमला ऐसे समय किया गया है जब संयुक्त राष्ट्र के कोर्ट (UN Court) ने इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। मामले की खबर आने के बाद दुनियाभर के नेताओं ने इजराइली हमले का विरोध किया मंगलवार को भी इसी इलाके में इजराइली सेना ने हमला किया जिसमें कम से कम 16 फलस्तीनियों की मौत हो गई। इसके बाद PM बेंजामिन नेतन्याहू ने आगे बढ़ने का बयान देते हुए कहा कि हमास को खत्म करने और सात अक्टूबर के हमले के बाद बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के लिए उनकी सेना रफा जाएगी।

All Eyes On Rafah से निगरानी 

All Eyes on Rafah’ एक फ्रेज है, जो वायरल हो गया है जिसे भारत में ईरान के दूतावास ने प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया था। बताने कीकोशिश की जा रही है कि भयंकर नरसंहार के दौरान फिलिस्तीन के 1.4 मिलियन यानी 14 लाख लोग कहीं सुरक्षित ठहरने के लिए आश्रय मांग रहे हैं।सोशल मीडिया में फैल रही ईमेज में देख सकते हैं कि दक्षिण गाजा के इलाकों को दिखाया गया है, जिसमें शरणार्थियों के लिए कई टेंट यानी तंबू बनाए गए हैं। इस ईमेज के जरिये लोगों से कहा जा रहा है कि वे राफा शहर में जो कुछ भी हो रहा है, उससे नजरें न हटाएं। वहां 14 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं।

फरवरी 2024 में इजरायल के प्रधान मंत्री ने हमास के आखिरी गढ़ों पर योजनाबद्ध हमलों से पहले शहर को खाली कराने की योजना का आदेश दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी दौरान इस स्लोगन को संभवत: पहली बार WHO के कब्जे वाले फिलिस्तीनी इलाकों के कार्यालय के डॉयरेक्टर रिक पीपरकोर्न (Rick Peeperkorn) ने अपने एक बयान में उपयोग किया था। उन्होंने फरवरी में कहा था, ‘All Eyes On Rafah’। जिसका मतलब हिंदी में ‘सभी की निगाहें राफा पर हैं’ 


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